Jammu and Kashmir: मृत युवक के परिवार ने शव को कब्र से निकालने के फैसले पर अदालत को धन्यवाद दिया
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Pixabay)

बनिहाल/जम्मू, 29 मई : आतंकवादी के रूप में चिन्हित और 2021 में मुठभेड़ में मारे गए जम्मू्-कश्मीर (Jammu and Kashmir) के एक युवक के परिजनों ने शनिवार को कहा कि शव को कब्र से निकालने के उच्च न्यायालय के फैसले से वे बहुत खुश हैं और उन्होंने प्रशासन से अनुरोध किया कि वह ‘बिना देरी किए’ शव उन्हें सौंप दे. आमीर मगरे के परिवार ने यह भी कहा कि कफन-दफन के बाद वे लोग ‘‘मामले को आगे बढ़ाएंगे और उसके लिए न्याय की लड़ाई जारी रखेंगे.’’

श्रीनगर के बाहरी इलाके हैदरपोरा में 15 नवंबर, 2021 को हुई मुठभेड़ में मारे गए चार लोगों में मगरे भी शामिल था. पुलिस का दावा था कि चारों आतंकवादी थे और उनके शवों को उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा में दफना दिया गया था. वहीं, न्यायमूर्ति संजीव कुमार ने शुक्रवार को 13 पन्नों के अपने आदेश में निर्देश दिया कि आमिर मगरे के शव को कब्र से निकाला जाए और उसे कफन-दफन के लिए उसके परिजनों को सौंपा जाए. यह भी पढ़ें : जेएनयू में आइसा कार्यकर्ता पर महिला का यौन उत्पीड़न करने का आरोप

मगरे के पिता मोहम्मद लतिफ ने जम्मू क्षेत्र के रामबन जिले में स्थित अपने आवास पर ‘पीटीआई-’ से बातचीत में कहा, ‘‘हम उच्च न्यायालय और वकील दीपिका राजावत के बहुत शुक्रग्रजार हैं कि उन्होंने छह महीने के लंबे इंतजार के बाद हमें न्याय दिलाया है. हम सरकार से अनुरोध करते हैं कि वह तत्काल उच्च न्यायालय के फैसले का अनुपालन करे और मेरे बेटे का शव बिना देरी के हमें सौंप दे.’’