जयपुर, 10 मई राज्य सरकार ने जयपुर के जेके लोन अस्पताल में प्लाज्मा चोरी प्रकरण में रक्त बैंक के प्रभारी डॉ. सत्येन्द्र चौधरी को तत्काल प्रभाव से पद से हटा दिया गया है।
एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार जांच के दौरान चौधरी को काम के प्रति उदासीनता एवं पर्यवेक्षणीय लापरवाही का दोषी मानते हुए यह कदम उठाया गया है।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने बताया कि चौधरी को पद से हटा दिया गया।
उन्होंने बताया कि जेके लोन अस्पताल में ‘लैब टेक्नीशियन’ द्वारा प्लाज्मा चोरी का मामला सामने आया था। राज्य सरकार ने प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए लैब टेक्नीशियन किशन सहाय कटारिया को निलंबित कर दिया था और प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।
मामले की जांच के लिए एक कमेटी गठित की गई थी। कमेटी की रिपोर्ट में बताया गया कि रक्त बैंक में लगे सीसीटीवी कैमरों की रिकॉर्डिंग नहीं प्राप्त हो पाई है।
सात कैमरों में से प्लाज्मा स्टोर रूम में लगे एक कैमरे के तार कटे हुए थे और पाया गया कि अन्य उपकरणों से छेड़छाड़ की गई है। इस संबंध में अस्पताल प्रशासन को सूचना भी नहीं दी गई।
इन स्थितियों को संदेहास्पद माना गया है। जांच रिपोर्ट के आधार पर रक्त बैंक के प्रभारी डॉ. सत्येन्द्र चौधरी को कार्य के प्रति उदासीनता एवं पर्यवेक्षणीय लापरवाही का दोषी मानते हुए राज्य सरकार ने तत्काल प्रभाव से पद से हटा दिया है।
आधिकारिक बयान के अनुसार लैब टेक्नीशियन किशन सहाय कटारिया एवं डॉ. सत्येन्द्र चौधरी के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
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