बीजिंग, तीन नवंबर अलीबाबा समूह के संस्थापक जैक मा की दुनिया का सबसे बड़ा आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाने वाली कंपनी एंट फाइनेंशियल को शंघाई और हांगकांग के शेयर बाजार में सूचीबद्ध किए जाने के कार्यक्रम को अंतिम घड़ी में मंगलवार को निलंबित कर दिया गया। अलीबाबा समूह की कंपनी एंट फाइनेंशियल को पांच नवंबर को सूचीबद्ध होना था। कंपनी हाल ही में 39.7 अरब डॉलर आईपीओ लेकर आयी थी।
शंघाई स्टॉक एक्सचेंज के प्रबंधन बाजार विशेषज्ञों को चौंकाते हुए कंपनी के सूचीबद्ध होने को निलंबित कर दिया। एक्सचेंज ने नियामकीय बदलावों और सूचीबद्धता से जुड़े नियमों को पूरा करने, और पूरी सूचना देने में एंट समूह के विफल रहने का अंदेशा जताते हुए बजार में इसके शेयरों की खरीद-फरोख्त वृहस्पतिववार को शुरू किए जाने का कार्यक्रम टाल दिया।
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लेकिन उसने इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी।
वहीं हांगकांग एक्सचेंज ने भी कुछ घंटो बाद इसी तरह का रुख अपनाया
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खबरों के मुताबिक एंट समूह से नियामकों ने उसके कारोबारी मॉडल, वित्तीय नवोन्मेष और उसके मंच द्वारा संग्रह किए जाने वाले उपयोक्ताओं के डेटा की निजता सुरक्षा को लेकर स्पष्टीकरण मांगा है। संभव है कि कंपनी को उसका कारोबार पुनर्गठित करने के लिए भी कहा जाए।
सोमवार का दिन कंपनी और उसके संस्थापक जैक मा के लिए मुश्किल भरा रहा। चीन के केंद्रीय बैंक पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना, बीमा नियामक चाइना बैंकिंग एंड इंश्योरेंस रेग्युलेटरी कमीशन, शेयर बाजार नियामक सिक्युरिटीज रेग्युलेटरी कमीशन और मुद्रा बाजार नियामक स्टेट एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ फॉरेन एक्सचेंज ने सोमवार को एक संयुक्त बयान में कहा कि उन्होंने जैक मा, एंट समूह के चेयरमैन एरिक जिंग और अध्यक्ष हू शिओमिंग के साथ ‘नियामकीय साक्षात्कार’ किए हैं।
इसी के बाद शेयर बाजारों की ओर से कंपनी के शेयरों को सूचीबद्ध करने पर निलंबन की घोषणा की गयी।
चीन के सबसे अमीर व्यक्ति जैक मा के अलीबाबा समूह की कंपनी एंट फाइनेंशियल की सूचीबद्धता रुकना एक बड़ा झटका है। कंपनी के आईपीओ को दिसंबर में कोरोना वायरस की दस्तक के बाद मंद पड़ी चीन की अर्थव्यवस्था को फिर से रफ्तार देने वाला कदम माना गया।
शंघाई में खुदरा निवेशकों ने कंपनी के 39.7 अरब डॉलर के आईपीओ में करीब 3,000 करोड़ डॉलर के शेयरों के लिए बोलियां लगायी हैं।
एंट फाइनेंशियल दुनिया की सबसे बड़ी वित्त प्रौद्योगिकी कंपनी अलीपे का परिचालन करती है। इसके अलावा वह टैंसेंट की वीचैट पे का भी संचालन करती है। यह दोनों ही कंपनियां चीन के डिजिटल भुगतान मार्केट में दबदबा रखती हैं।
नियामकों के साथ बैठक के बाद किसी भी पक्ष ने विस्तृत जानकारी नहीं दी। हालांकि एंट समूह ने एक वक्तव्य में कहा, ‘‘ वित्तीय क्षेत्र की सेहत और स्थिरता को लेकर बातचीत की गयी।’’
कंपनी ने कहा कि वह बैठक में सामने आए विचारों को अपनाने के लिए प्रतिबद्ध है लेकिन यह जानकारी नहीं दी कि उसके कार्यकारियों को क्या निर्देश दिए गए हैं।
कंपनी ने कहा, ‘‘हम समावेशी सेवाएं देने के लिए अपनी क्षमताओं को बेहतर करना जारी रखेंगे। ताकि आर्थिक विकास को बढ़ावा दिया जा सके जो आम लोगों के जनजीवन को बेहतर कर सके।’’
जैक मा ने 1999 में अलीबाबा की स्थापना की थी। इसका मकसद चीन के थोक विक्रेताओं की विदेशी खुदरा कंपनियों के बराबर लाकर खड़ा करने में मदद करना था। अलीपे को कम क्रेडिट कार्ड वाली अर्थव्यवस्था में भुगतान की सुविधाएं देने के लिए विकसित किया गया। एंट समूह में अलीबाबा की एक तिहाई हिस्सेदारी है।
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