मुंबई, 29 मई महाराष्ट्र सरकार ने शुक्रवार को बंबई उच्च न्यायालय से कहा कि राज्य के हर जिले में कोविड-19 जांच प्रयोगशाला (लैब) स्थापित करना व्यावहारिक रूप से संभव नहीं है।
मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति के.के. ताटेड के समक्ष पेश किये गये एक ‘नोट’ में सरकार ने कहा कि अभी राज्य में 72 जांच केंद्र हैं।
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शुरूआत में जब महामारी शुरू हुई थी, तब सिर्फ तीन जांच केंद्र--नागपुर, मुंबई और पुणे में एक-एक--थे।
अतिरिक्त सरकारी वकील मनीष पाबले ने अदालत से कहा, ‘‘जांच प्रयोगशाला की संख्या अब बढ़ कर 72 हो गई है, जिनमें 42 प्रयोगशाला सरकारी अस्पतालों में हैं, जबकि शेष 33 निजी प्रयोगशाला हैं। ’’
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पीठ खलील वास्ता नाम के एक मछुआरे की याचिका पर सुनवाई कर रही है, जिन्होंने गैर-रेड जोन जिलों में कोविड-19 संक्रमण की जांच के लिये विशेष प्रयोगशालाएं स्थापित करने को लेकर सरकार को निर्देश देने की मांग की थी।
पीठ को शुक्रवार को पाबले ने बताया कि रत्नागिरि सदर अस्पताल में कोविड-19 संक्रमण की जांच के लिये एक प्रयोगशाला स्थापित की गई है।
हालांकि सरकार ने अदालत से कहा कि संसाधनों एवं तकनीकी बुनियादी ढांचा के अभाव के चलते राज्य के हर जिले में प्रयोगशाला स्थापित करना संभव नहीं है।
अदालत ने याचिका पर अगली सुनवाई के लिये दो जून की तारीख निर्धारित की है।
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