बेंगलुरु, 27 जुलाई भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने भारत के पहले मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन ‘गगनयान’ के प्रक्षेपण में इस्तेमाल होने वाली प्रणोदन प्रणाली के कामकाज को और सुधारने की योजना के तहत दो और परीक्षण (हॉट टेस्ट) सफलतापूर्वक किये हैं।
गगनयान सेवा मॉड्यूल प्रणोदन प्रणाली (एसएमपीएस) पर ये परीक्षण बुधवार को तमिलनाडु के महेंद्रगिरि में स्थित इसरो प्रोपल्शन कॉम्प्लैक्स में किये गये।
इसरो के अनुसार, गगनयान परियोजना में तीन सदस्यों के एक दल को तीन दिन के मिशन के लिए 400 किलोमीटर दूर कक्षा में प्रक्षेपित करके और भारतीय समुद्र क्षेत्र में उतारकर उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाकर मानव अंतरिक्ष उड़ान क्षमता का प्रदर्शन करने की परिकल्पना की गई है।
इसरो ने कहा, ‘‘ये परीक्षण, प्रणोदन प्रणाली के कामकाज को और अधिक मान्यता प्रदान करेंगे और सुधारेंगे तथा इसके साथ आगामी गगनयान मिशन के लिए इसकी तैयारी सुनिश्चित करेंगे।’’
उसने एक बयान में कहा, ‘‘ये परीक्षण (26 जुलाई को संपन्न) सेवा मॉड्यूल-प्रणाली प्रदर्शन मॉडल (एसएम-एसडीएम) के दूसरे चरण के परीक्षण की शृंखला में दूसरे और तीसरे ‘हॉट-टेस्ट’ हैं।
‘हॉट टेस्ट’ में सभी इंजन परिचालन मापदंडों की जांच की जाती है और कच्चा माल, ईंधन आदि के साथ परीक्षण किया जाता है।
इसरो ने बताया कि ऐसे तीन और परीक्षण होंगे।
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