शियाओं को निशाना बनाकर किये गये विस्फोटों की जिम्मेदारी आईएस समूह ने ली
प्रतिकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Pixabay)

अफगानिस्तान में बृहस्पतिवार को तीन घातक बम विस्फोट किये गये, जिनमें से एक विस्फोट उत्तरी मज़ार-ए-शरीफ स्थित शियाओं की मस्जिद में हुआ. अस्पताल के अधिकारियों का कहना है कि कम से कम 12 लोग मारे गए हैं और 40 से ज्यादा घायल हुए हैं. दूसरा बम काबुल में एक बाल विद्यालय के निकट सड़क किनारे फटा, जिसके कारण शिया बहुल क्षेत्र दश्त-ए-बारची के दो बच्चे घायल हो गये. तीसरा बम विस्फोट उत्तरी कुंदुज में हुआ, जिसमें 11 मैकेनिक की मौत हो गयी. ये मैकेनिक देश के तालिबानी शासन के लिए काम कर रहे थे. पिछले अगस्त में सत्ता पर काबिज होने के बाद से तालिबान शासन के समक्ष इस्लामिक स्टेट (खोरासान प्रांत) अर्थात ‘आईएस-के’ संगठन एक चुनौती बनकर उभरा है.

आईएस-के की ओर से शुक्रवार को जारी एक बयान में कहा गया है कि मज़ार-ए-शरीफ की साई दोकेन मस्जिद में तबाही मचाने वाला विस्फोटक उपकरण नमाज अता करने वाले श्रद्धालुओं के बीच रखे गए एक बैग में छुपाया गया था. जैसे ही नमाजियों ने घुटने के बल बैठकर नमाज पढ़ना शुरू किया, बम विस्फोट हो गया. आईएस के बयान में कहा गया है, ‘‘जब मस्जिद नमाजियों से भरी थी, तभी दूर बैठकर विस्फोट किया गया.’’ बयान में दावा किया गया है कि इस विस्फोट में कम से कम 100 लोग घायल हुए हैं. बल्ख प्रांत में सूचना एवं संस्कृति विभाग के प्रमुख जबिहुल्ला नूरानी ने कहा कि अब्दुल हामिद संगरयार को बृहस्पतिवार के मस्जिद हमले के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है. आईएस-के ने हालिया महीनों में पाकिस्तान में भी हमले तेज किये हैं और इसने मार्च में पेशावर प्रांत में शियाओं की एक मस्जिद को निशाना बनाया था. यह भी पढ़ें : हम ब्रिटेन में सक्रिय, दूसरे देशों को निशाना बनाने वाले कट्टरपंथी समूह को बर्दाश्त नहीं करते : जॉनसन

इसमें 65 से अधिक नमाजी मारे गये थे. इस बीच पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के फैसलाबाद शहर में स्थानीय पुलिस ने बृहस्पतिवार को एक चेतावनी जारी की है और कहा है, ‘‘ऐसी जानकारी मिली है कि आईएस-खास ने फैसलाबाद में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने की योजना बनायी है.’’ पुलिस ने लोगों को सलाह दी है कि वे ‘‘पूरी सतर्कता बरतें.’’ इस बीच, बृहस्पतिवार को ब्लूचिस्तान प्रांत में आतंकवादियों ने एक सुरक्षा चौकी को निशाना बनाया, जिसमें एक पाकिस्तानी सैनिक की मौत हो गयी. किसी ने भी घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है.