जनरल हुसैन सलामी तेहरान विश्वविद्यालय में एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। तेहरान विश्वविद्यालय में रिवॉल्यूशनरी गार्ड के पूर्व जनरल कासिम सुलेमानी की याद में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था जो तीन जनवरी 2020 को बगदाद में अमेरिकी ड्रोन के हमले में मारे गए थे।
सलामी ने अमेरिका का नाम लिये बगैर कहा, ‘‘आज हमें किसी भी शक्ति का सामना करने में कोई समस्या, चिंता या आशंका नहीं है। हम अपने दुश्मनों को युद्ध के मैदान में आखिरी जवाब दे सकते हैं।’’ इस मौके पर ईरान के शीर्ष अधिकारियों के साथ ही सीरिया, फलस्तीन के नेता और लेबनानी आंदोलन के नेता और सुलेमानी के परिवार के सदस्य मौजूद थे।
ब्रिगेडियर जनरल इस्माईल घानी ने कार्यक्रम में अमेरिका का नाम लिए बिना कहा कि ‘‘शक्तियों’’ का फिर से सामना करने को लेकर ईरान में भय नहीं है।
ईरान के न्यायपालिका के प्रमुख इब्राहिम रायसी ने कहा कि सुलेमानी की हत्या में जिन लोगों की भूमिका थी, वे ‘‘कानून और न्याय से बच’’ नहीं पाएंगे, भले ही वह अमेरिका के राष्ट्रपति क्यों न हों।
ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद ज़रीफ़ ने शुक्रवार को कहा कि क्षेत्र में किसी भी संभावित ‘‘दुस्साहस’’ के परिणामों की जिम्मेदारी वाशिंगटन पर होगी।
अमेरिका ने बी-52 बॉम्बर की उड़ान संचालित करने के साथ ही फारस की खाड़ी में एक परमाणु पनडुब्बी भेजी है।
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