नयी दिल्ली, 20 दिसंबर बिहार को लेकर बदलते नजरिये के बीच निवेशकों ने अपना पूरा भरोसा जताया है। अदाणी समूह, सन पेट्रोकेमिकल्स और कई अन्य कंपनियों ने शुक्रवार को बिहार में अक्षय ऊर्जा से लेकर सीमेंट, खाद्य प्रसंस्करण और विनिर्माण जैसे क्षेत्रों में रिकॉर्ड 1.81 लाख करोड़ रुपये का निवेश करने की प्रतिबद्धता जताई।
राज्य ने अपने दूसरे निवेशक सम्मेलन 'बिहार बिजनेस कनेक्ट, 2024' में 423 कंपनियों के साथ निवेश प्रतिबद्धताओं पर हस्ताक्षर किए।
बिहार के उद्योग और पर्यटन मंत्री नीतीश मिश्रा ने कहा कि 2023 में हुए पहले निवेशक सम्मेलन में 50,300 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले थे।
मिश्रा ने कहा, ‘‘हमने आज 1.8 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश से संबंधित समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस संख्या का मिलान किया जा रहा और यह आंकड़ा बढ़ सकता है।’’
इस सम्मेलन में निवेश का सबसे बड़ा ऐलान सन पेट्रोकेमिकल्स ने किया। कंपनी पंप हाइड्रो और सौर संयंत्र सहित नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं में 36,700 करोड़ रुपये का निवेश करेगी।
राज्य में सबसे बड़े निजी निवेशक अदाणी समूह ने भी अत्याधुनिक बिजलीघर लगाने के साथ-साथ सीमेंट उत्पादन क्षमता, खाद्य प्रसंस्करण और लॉजिस्टिक कारोबार के विस्तार में लगभग 28,000 करोड़ रुपये का निवेश करने की प्रतिबद्धता जतायी है।
इसके अलावा, सार्वजनिक क्षेत्र की एनटीपीसी की नवीकरणीय ऊर्जा इकाई एनटीपीसी ने स्वच्छ ऊर्जा परियोजनाओं में 10,000 करोड़ रुपये का निवेश करने का प्रस्ताव दिया है। एसजेवीएन भी ने पंप स्टोरेज परियोजना के लिए इतनी ही राशि का निवेश करने की प्रतिबद्धता जतायी है।
वहीं निर्माण और इंजीनियरिंग प्रमुख अशोका बिल्डकॉन ने राज्य में एक हरित हाइड्रोजन इकाई स्थापित करने में 9,000 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव दिया है।
देश की सबसे बड़ी जलविद्युत उत्पादक कंपनी एनएचपीसी ने 1,000 मेगावाट की सौर परियोजना स्थापित करने को लेकर 5,500 करोड़ रुपये का निवेश करने का प्रस्ताव किया है, जबकि एसएलएमजी बेवरेजेज (कोका-कोला के लिए बोतल बनाने वाली कंपनी) ने 3,000 करोड़ रुपये, श्री सीमेंट्स ने 800 करोड़ रुपये और हल्दीराम स्नैक्स प्राइवेट लि. ने 300 करोड़ रुपये निवेश करने की प्रतिबद्धता जताई है।
टाटा समूह ने हालांकि किसी निवेश प्रतिबद्धता पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं, लेकिन उसने राज्य में कार्यबल को हुनरमंद बनाने की प्रतिबद्धता जतायी।
मिश्रा ने कहा, ‘‘राज्य सरकार बिहार को देश में निवेश के लिए एक प्रमुख गंतव्य के रूप में विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है। मैं उन सभी लोगों के प्रति अपनी हार्दिक कृतज्ञता व्यक्त करता हूं जिन्होंने निवेशक सम्मेलन में भाग लिया और बिहार की इस नई यात्रा का हिस्सा बने।’’
उन्होंने कहा, "मुझे पूरा विश्वास है कि बिहार में देश का एक प्रमुख विकास इंजन बनने की क्षमता है। हमने विभिन्न क्षेत्रों में 1.80 लाख करोड़ रुपये से अधिक के विभिन्न निवेशकों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए... यह बिहार के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।"
इस मौके पर उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा, ‘‘बिहार इतिहास और देश के भविष्य की भूमि है’’
दो दिवसीय सम्मेलन के समापन पर उद्योग सचिव बंदना प्रेयसी ने संवाददाताओं को बताया कि बिहार सरकार ने 1,80,899 करोड़ रुपये के निवेश के साथ 423 इकाइयां स्थापित करने के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हम कंपनियों से मिली प्रतिक्रिया से अभिभूत हैं। यह हमारी उम्मीदों से परे है। सरकार अब इन निवेशों को हकीकत रूप देने पर ध्यान केंद्रित करेगी।’’
उन्होंने कहा कि पिछले साल आयोजित निवेशक सम्मेलन में 50,300 करोड़ रुपये निवेश को लेकर समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गये थे। उनमें से 38,000 करोड़ रुपये के प्रस्ताव पहले ही हकीकत बन चुके हैं।
अदाणी समूह के निवेश के बारे में पूछे जाने पर प्रेयसी ने कहा कि समूह ने कुल 27,900 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की है।
उद्योग सचिव ने कहा कि सबसे अधिक निवेश प्रस्ताव अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में 17 इकाइयों में 90,734 करोड़ रुपये के आए हैं।
विनिर्माण में 55,888 करोड़ रुपये के 57 एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए जबकि खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में 13,663 करोड़ रुपये के एमओयू किए गए।
प्रेयसी ने बताया कि शहरी बुनियादी ढांचे में 5,566 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों के साथ 142 एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए।
इसके अलावा, स्वास्थ्य क्षेत्र को 3360 करोड़ रुपये (25 इकाई), पर्यटन एवं होटल क्षेत्र को 2988 करोड़ रुपये (13 इकाई), रियल एस्टेट को 2,976 करोड़ रुपये (5 इकाई), लॉजिस्टिक को 2159 करोड़ रुपये (12 इकाई), आईटी को 1,660 करोड़ रुपये (43 इकाई), कपड़ा एवं चमड़ा को 1259 करोड़ रुपये (24 इकाई) तथा प्लास्टिक एवं रबर को 665 करोड़ रुपये (5 इकाई) के निवेश के प्रस्ताव मिले हैं।
उन्होंने कहा कि कपड़ा एवं चमड़ा क्षेत्र में भले ही यह राशि कम लगे, लेकिन इन क्षेत्रों में रोजगार सृजन की सबसे अधिक संभावनाएं हैं। बिहार सरकार राज्य में निवेश करने वाली कंपनियों को राजकोषीय प्रोत्साहन के साथ-साथ एकल खिड़की मंजूरी देने का वादा कर रही है।
रमण
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