जरुरी जानकारी | छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरें अपरिवर्तित

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. कोरोना वायरस के नये स्वरूप ओमीक्रोन के बढ़ते मामलों और उच्च मुद्रास्फीति के बीच सरकार ने शुक्रवार को पीपीएफ और एनएससी समेत छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों को 2021-22 की चौथी तिमाही के लिए अपरिवर्तित रखा।

एजेंसी न्यूज Bhasha|
जरुरी जानकारी | छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरें अपरिवर्तित

नयी दिल्ली, 31 दिसंबर कोरोना वायरस के नये स्वरूप ओमीक्रोन के बढ़ते मामलों और उच्च मुद्रास्फीति के बीच सरकार ने शुक्रवार को पीपीएफ और एनएससी समेत छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों को 2021-22 की चौथी तिमाही के लिए अपरिवर्तित रखा।

यह फैसला पांच राज्यों- उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और गोवा में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले आया है। चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा अगले महीने की शुरुआत में होने की संभावना है।

सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ) और राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (एनएससी) पर चौथी तिमाही में भी क्रमशः 7.1 प्रतिशत और 6.8 प्रतिशत की वार्षिक ब्याज दर मिलती रहेगी।

वित्त मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा, ‘‘वित्त वर्ष 2021-22 की चौथी तिमाही (एक जनवरी, 2022 से शुरू होकर 31 मार्च, 2022 को समाप्त होने वाली) के लिए विभिन्न लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरें तीसरी तिमाही (1 अक्टूबर, 2021 से 31 दिसंबर, 2021) के लिए लागू वर्तमान दरों के समान रहेंगी।’’

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जरुरी जानकारी | छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरें अपरिवर्तित

नयी दिल्ली, 31 दिसंबर कोरोना वायरस के नये स्वरूप ओमीक्रोन के बढ़ते मामलों और उच्च मुद्रास्फीति के बीच सरकार ने शुक्रवार को पीपीएफ और एनएससी समेत छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों को 2021-22 की चौथी तिमाही के लिए अपरिवर्तित रखा।

यह फैसला पांच राज्यों- उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और गोवा में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले आया है। चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा अगले महीने की शुरुआत में होने की संभावना है।

सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ) और राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (एनएससी) पर चौथी तिमाही में भी क्रमशः 7.1 प्रतिशत और 6.8 प्रतिशत की वार्षिक ब्याज दर मिलती रहेगी।

वित्त मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा, ‘‘वित्त वर्ष 2021-22 की चौथी तिमाही (एक जनवरी, 2022 से शुरू होकर 31 मार्च, 2022 को समाप्त होने वाली) के लिए विभिन्न लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरें तीसरी तिमाही (1 अक्टूबर, 2021 से 31 दिसंबर, 2021) के लिए लागू वर्तमान दरों के समान रहेंगी।’’

विश्लेषकों के मुताबिक, सरकार ने पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए दरों को बरकरार रखा है।

पश्चिम बंगाल के बाद उत्तर प्रदेश लघु बचत योजना में दूसरा सबसे बड़ा योगदानकर्ता है।

इस साल की शुरुआत में पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान केंद्र ने ब्याज दर घटाने का फैसला किया था। लेकिन वित्त मंत्रालय ने चूक का हवाला देते हुए छोटी बचत योजनाओं पर पहली तिमाही के लिए 1.1 प्रतिशत तक की ब्याज दर में कटौती को तुरंत रद्द कर दिया।

नतीजतन, चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही की दरों को पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही के स्तर पर बनाए रखा गया था। उस कटौती को कई दशकों में सबसे तेज कटौती के रूप में देखा गया था।

छोटी बचत योजनाओं के लिए ब्याज दरें तिमाही आधार पर अधिसूचित की जाती हैं।

एक वर्षीय सावधि जमा योजना पर चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के दौरान की 5.5 प्रतिशत की ब्याज दर जारी रहेगी, जबकि बालिका बचत योजना सुकन्या समृद्धि योजना पर ब्याज दर 7.6 प्रतिशत रहेगी।

पांच वर्षीय वरिष्ठ नागरिक बचत योजना पर ब्याज दर 7.4 प्रतिशत पर बरकरार रहेगी। वरिष्ठ नागरिकों की योजना पर ब्याज का भुगतान त्रैमासिक आधार पर किया जाता है।

बचत जमा पर ब्याज दर चार प्रतिशत सालाना बनी रहेगी।

एक से पांच साल की सावधि जमा पर 5.5-6.7 प्रतिशत की दर से ब्याज मिलेगा, जिसका भुगतान तिमाही आधार पर होगा। जबकि पांच साल की आवर्ती जमा (रेकिरंग डिपोजिट) पर ब्याज दर 5.8 प्रतिशत रहेगी।

कृष्ण

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

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