जरुरी जानकारी | दिल्ली में छतों पर सौर बिजली कनेक्शन लगाने का बढ़ रहा है आकर्षण

नयी दिल्ली, दो अगस्त राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में रिहायशी घरों में छतों पर लगने वाले (रूफटॉप) सौर बिजली कनेक्शन में बढ़ोतरी देखी जा रही है। वितरण कंपनियों के अनुसार हाल के वर्षों में लगे 3,700 नेट मीटरिंग कनेक्शन का आधे से अधिक इसी श्रेणी के अंतर्गत है।

सौर ऊर्जा नेट मीटरिंग प्रणाली के तहत ग्राहक खपत के बाद अतिरिक्त बिजली ग्रिड को दे सकते हैं यानी उसे बेच सकते हैं और उसके लिये उन्हें वितरण कंपनियों से पैसा मिलता है।

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बीएसईएस वितरण कंपनियों के प्रवक्ता के अनुसार अबतक शहर में 2,700 से अधिक सौर नेट मीटरिंग कनेक्शन लगाये गये हैं। इसमें से आधे से अधिक 1,526 छतों पर सौर कनेक्शन रिहायशी क्षेत्र में, 581 शैक्षणिक संस्थानों में और 473 वाणिज्यिक क्षेत्रों में लगाये गये हैं।

उसने कहा, ‘‘आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि सर्वाधिक संख्या में छतों पर सौर नेट मीटरिंग कनेक्शन घरेलू खंड में लगाये गये हैं। वास्तव में ‘सेट्रल गवर्नमेंट हाउसिंग सोसायटी (सीजीएचएस) खंड में छतों पर सौर कनेक्शन बड़ी संख्या में लगाये जा रहे हैं। इनमें से करीब 90 सोसायटी और अपार्टमेंट परिसरों ने मंजूरी वाले 5 मेगावॉटपी (पीक) से अधिक क्षमता के साथ इसका विकल्प चुना।’’

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दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (डीईआरसी) ने सितंबर, 2014 में नवीकरणीय ऊर्जा के लिये नेट मीटरिंग पर नियमन जारी किया। इस नियमन के तहत वितरण कंपनियों के पंजीकृत ग्राहकों को नवीकरणीय ऊर्जा प्रणाली स्थापित करने की अनुमति दी गयी है और वितरण कंपनियां नेट मीटर के जरिये इन प्रणालियों की कनेक्टिविटी को मंजूरी देंगी।

टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रिब्यूशन लि. (टीपीडीडीएल) के प्रवक्ता ने कहा कि इस खंड में घरेलू (रिहायशी) क्षेत्र में वृद्धि 2017 से देखी जा रही है।

उसने कहा, ‘‘इसका श्रेय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) की पहले चरण की सब्सिडी योजना को जाता है। इसके तहत ग्राहक सौर संयंत्र लागत पर 30 प्रतिशत सब्सिडी पाने का हकदार है।’’

टीपीडीडीएल ने अबतक 1,000 ‘रूफटॉप’ सौर नेट मीटरिंग कनेक्शन लगाये हैं।

प्रवक्ता के अनुसार, ‘‘2019-20 में कुल 374 ‘रूफटॉप’ सौर नेट मीटरिंग कनेक्शन लगाये गये। इसमें 245 घरेलू श्रेणी में शामिल हैं।’’

उसने कहा कि मौजूदा स्थापित क्षमता 33.7 मेगावॉट है जिसे अगले दो साल में बढ़ाकर 40 मेगावॉट करने की योजना है।

बीएसईएस प्रवक्ता के अनुसार ‘रूफटॉप’ सौर नेट मीटरिंग को लेकर लोगों में उत्साह है और हर श्रेणी के ग्राहक इसको लेकर आकर्षित हैं।

उसने कहा, ‘‘बीएसई वितरण कंपनियों..बीआरपीएल (बीएसईएस राजधानी पावर लि.) ने 2,197 कनेक्शन और बीवाईपीएल (बीएसईएस यमुना पावर लि.) ने 541 कनेक्शन लगाये हैं। इनकी कुल क्षमता 88 एमडब्ल्यूपी है। चालू वित्त वर्ष में बीसईएस 1,000 रूफटॉप सौर कनेक्शन दे सकती है।’’

बीएसईएस के अधिकारी के अनुसार, ‘‘बीएसईएस ने एक किलोवॉट से लेकर 1,600 किलोवॉट तक लोड के साथ रूफटॉप नेट मीटरिंग कनेक्शन दिया है। ग्राहकों को अब ‘रूफटॉप’ सौर नेट मीटरिंग का लाभ दिखने लगा है। उन्हें यह अब मालमू हो गया है कि कैसे बिजली बिल को कम किया जा सकता है।

उसने कहा कि अगर ग्राहकों को सालाना बचत को देखा जाए तो वह करीब 62 करोड़ रुपये सालाना है।

अधिकारी ने कहा, ‘‘प्रत्येक किलोवॉट ‘रूफटॉप’ सौर परियोजना से करीब 100 से 120 यूनिट हर महीने बिजली पैदा होती है और प्रणाली की लागत 3.5 से 4 साल में वसूल हो जाती है।’’

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