नयी दिल्ली, 12 नवंबर औद्योगिक उत्पादन छह महीने के बाद सकारात्मक दायरे में पहुंच गया। खनन और बिजली उत्पादन क्षेत्रों के बेहतर प्रदर्शन से सितंबर महीने में औद्योगिक उत्पादन में 0.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।
औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के ताजा आंकड़े के अनुसार औद्योगिक उत्पादन में सितंबर महीने में 0.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
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हालांकि, सूचकांक में 77.63 प्रतिशत हिस्सेदारी रखने वाले विनिर्माण क्षेत्र में सितंबर महीने में 0.6 प्रतिशत की मामूली गिरावट रही। वहीं, खनन और बिजली क्षेत्र के उत्पादन में क्रमश: 1.4 प्रतिशत और 4.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
आईआईपी के पिछले साल सितंबर के आंकड़े को यदि देखा जाये तो इसमें 4.6 प्रतिशत की गिरावट आयी थी।
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औद्योगिक उत्पादन में इस साल फरवरी में 5.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। उसके बाद कोविड-19 महामारी और उसकी रोकथाम के लिये लगाये गये ‘लॉकडाउन’ के कारण मार्च में 18.7 प्रतिशत, अप्रैल में 57.3 प्रतिशत, मई में 33.4 प्रतिशत, जून में 16.6 प्रतिशत और जुलाई में 10.8 प्रतिशत की गिरावट इसमें आई।
इस बीच, अगस्त के आईआईपी आंकड़ों को संशोधित किया गया है। इसके तहत इसमें 7.4 प्रतिशत की गिरावट रही जबकि पिछले महीने जारी अस्थायी आंकड़ों में इसमें 8 प्रतिशत गिरावट आने का अनुमान व्यक्त किया गया था।
सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि ‘लॉकडाउन’ से जुड़ी पाबंदियों में ढील के साथ आर्थिक गतिविधियों में अपेक्षाकृत सुधार हुआ है। इसके साथ आंकड़ा संग्रह की स्थिति भी बेहतर हुई है।
मंत्रालय ने यह भी कहा कि कोविड-19 महामारी के बाद के महीनों के आईआईपी आंकड़ों की तुलना महामारी वाले महीनों से करना उपयुक्त नहीं है।
विनिर्माण क्षेत्र में पिछले साल सितंबर में 4.3 प्रतिशत की गिरावट आयी थी। इसी प्रकार खनन क्षेत्र का उत्पादन सितंबर 2019 में 8.6 प्रतिशत घटा। बिजली उत्पादन में भी 2.6 प्रतिशत की गिरावट आयी थी।
निवेश का आईना माने जाने वाले पूंजीगत वस्तुओं का उत्पादन सितंबर में 3.3 प्रतिशत घटा जबकि एक साल पहले 2019 के इसी महीने में इसमें 20.5 प्रतिशत की गिरावट आयी थी।
उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं के मामले में आलोच्य महीने में 2.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई जबकि सितंबर 2019 में इसमें 10.5 प्रतिशत की गिरावट आयी थी।
गैर-टिकाऊ उपभोक्ता सामान का उत्पादन इस साल सितंबर में 4.1 प्रतिशत बढ़ा जबकि एक साल पहले इसी माह में इसमें 1.1 प्रतिशत की गिरावट आयी थी।
आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-सितंबर के दौरान आईआईपी में 21.1 प्रतिशत की गिरावट आयी जबकि पिछले वित्त वर्ष 2019-20 की इसी अवधि में 1.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।
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