नयी दिल्ली, 11 सितंबर विनिर्माण, खनन और बिजली क्षेत्र के खराब प्रदर्शन की वजह से जुलाई माह में औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) में 10.4 प्रतिशत गिरावट रही। शुक्रवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है।
सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने औद्योगिक उत्पादन में गिरावट की वजह बताते हुए कहा कि कोविड-19 महामारी के प्रसार को रोकने के लिए सरकार द्वारा किए गए उपायों तथा देशभर में लागू लॉकडाउन की वजह से कई औद्योगिक क्षेत्र के प्रतिष्ठान मार्च अंत से परिचालन नहीं कर पाये हैं।’’
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बयान में कहा गया है कि इससे लॉकडाउन के दौरान इन प्रतिष्ठानों का उत्पादन प्रभावित हुआ। बाद में अंकुशों को हटाए जाने के बाद औद्योगिक गतिविधियां शुरू हो रही हैं।
मंत्रालय ने कहा, ‘‘महामारी के दौरान के आईआईपी आंकड़ों की महामारी से पूर्व के महीनों के आंकड़ों से तुलना करना उचित नहीं होगा।’’
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जुलाई, 2020 में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) 118.1 अंक रहा। जबकि इससे पहले अप्रैल, मई और जून, 2020 में यह क्रमश: 54, 89.5 और 108.9 अंक रहा था।
आईआईपी आंकड़ों के अनुसार, जुलाई, 2019 में कारखाना उत्पादन 4.9 प्रतिशत बढ़ा था।
आईआईपी के ताजा आंकड़ों के अनुसार, जुलाई 2020 में विनिर्माण क्षेत्र का उत्पादन 11.1 प्रतिशत घटा है, जबकि पिछले साल इसी महीने में इसमें 4.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी। आईआईपी में विनिर्माण क्षेत्र का हिस्सा 77.63 प्रतिशत है।
इसी तरह जुलाई में खनन क्षेत्र के उत्पादन में 13 प्रतिशत की गिरावट आई जबकि एक साल पहले इसी महीने में इस क्षेत्र का उत्पादन 4.9 प्रतिशत बढ़ा था।
समीक्षाधीन महीने में बिजली क्षेत्र का उत्पादन 2.5 प्रतिशत घट गया, जबकि जुलाई, 2019 में इस क्षेत्र का उत्पादन 5.2 प्रतिशत बढ़ा था। जुलाई में टिकाऊ उपभोक्ता सामान के उत्पादन में भी 23.6 प्रतिशत की गिरावट आई। वहीं एक साल पहले समान महीने में इस क्षेत्र का उत्पादन 2.4 प्रतिशत घटा था।
हालांकि, जुलाई में उपभोक्ता गैर-टिकाऊ वस्तुओं के उत्पादन में 6.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई जबकि एक साल पहले इसी महीने में इस क्षेत्र का उत्पादन 8.5 प्रतिशत बढ़ा था।
आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष के पहले चार महीनों अप्रैल-जुलाई के दौरान औद्योगिक उत्पादन में 29.2 प्रतिशत की गिरावट आई है। पिछले वित्त वर्ष के इन्हीं चार महीनों में औद्योगिक उत्पादन 3.5 प्रतिशत बढ़ा था।
अजय
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