जरुरी जानकारी | भारत का जैविक उत्पाद निर्यात 2024-25 में 34.6 प्रतिशत बढ़कर 66.59 करोड़ डॉलर पर

नयी दिल्ली, 16 अप्रैल विकसित देशों में दालों, आवश्यक तेल, ताजा फल और सब्जियों जैसी वस्तुओं की मांग में वृद्धि के कारण भारत का जैविक उत्पाद निर्यात वर्ष 2024-25 में 34.6 प्रतिशत बढ़कर 66 करोड़ 59.6 लाख डॉलर का हो गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 49.48 करोड़ डॉलर का रहा था।

इसमें कहा गया है कि मात्रा के लिहाज से, पिछले वित्त वर्ष में निर्यात चार प्रतिशत से अधिक बढ़कर 3,68,155 टन हो गया।

एक अधिकारी ने कहा, ‘‘ऊपर की ओर रुझान भारतीय जैविक उत्पादों की बढ़ती अंतरराष्ट्रीय मांग को दर्शाता है।’’

आंकड़ों से यह भी पता चला है कि जैविक दालों का निर्यात वर्ष 2023-24 के 52.5 लाख डॉलर से बढ़कर 2024-25 में एक करोड़ 78.9 लाख डॉलर हो गया है। जैविक आवश्यक तेल निर्यात वर्ष 2023-24 के 45.2 लाख डॉलर से बढ़कर 2024-25 में एक करोड़ 23.5 लाख डॉलर का हो गया है। इसी तरह, ताजा फलों और सब्जियों का निर्यात 2023-24 के 45.2 लाख डॉलर से बढ़कर 92 लाख डॉलर हो गया है।

वाणिज्य मंत्रालय की इकाई एपीडा ने इसे और अधिक किसान-अनुकूल बनाने और भारत को वर्ष 2030 तक जैविक खाद्य उत्पादों के लिए दो अरब डॉलर के निर्यात लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करने के लिए एनपीओपी के नियमों को संशोधित किया है। राष्ट्रीय जैविक उत्पादन कार्यक्रम (एनपीओपी) जैविक उत्पादन के लिए मानक और प्रमाणन निकायों की मान्यता के लिए प्रक्रियाएं प्रदान करता है।

मानकों और प्रक्रियाओं को जैविक उत्पादों के आयात और निर्यात को विनियमित करने वाले अन्य अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप तैयार किया गया है।

एनपीओपी देश का प्राथमिक जैविक विनियामक मानक है, इसे आयातक देशों द्वारा स्वीकार किया जाता है और यह जैविक उत्पादों की बाजार पहुंच के लिए एक प्रमुख चालक रहा है।

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