नयी दिल्ली: छह जून भारत की इंटरनेट अर्थव्यवस्था के 2030 तक छह गुना वृद्धि के साथ एक लाख करोड़ डॉलर का आंकड़ा छूने की संभावना है। गूगल, टेमासेक और बेन एंड कंपनी की मंगलवार को जारी संयुक्त रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि इसमें सबसे बड़ा योगदान ई-कॉमर्स क्षेत्र का होगा रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि भारत की इंटरनेट अर्थव्यवस्था 2022 में 155-175 अरब डॉलर के बीच थी. ये भी पढ़े: जी-20 डिजिटल इकोनॉमी वर्किंग ग्रुप-डी.ई.डब्ल्यू.जी की पहली बैठक आज लखनऊ में संपन्न हुई। ... - Latest Tweet by आकाशवाणी समाचार
रिपोर्ट के अनुसार, वृद्धि में सर्वाधिक योगदान व्यापारी से ग्राहक (बी2सी) ई-कॉमर्स खंड का होगा, जिसके बाद व्यापारी से व्यापारी (बी2बी) ई-कॉमर्स खंड, सेवा प्रदाता के तौर पर सॉफ्टवेयर और ओवर द टॉप (ओटीटी) की अगुआई में ऑनलाइन मीडिया का योगदान होगागूगल इंडिया के प्रबंधक और उपाध्यक्ष संजय गुप्ता ने कहा, “भारत की इंटरनेट अर्थव्यवस्था के छह गुना वृद्धि के साथ 2030 तक एक लाख करोड़ डॉलर का हो जाने की संभावना है उन्होंने कहा कि भविष्य में ज्यादातर खरीददारी डिजिटल माध्यम से होगी.
गुप्ता ने कहा कि जहां डिजिटल नवाचार, छोटे और मध्यम आकार के उद्यमों में सबसे आगे स्टार्टअप होंगे, वहीं कोविड महामारी के बाद बड़े आकार के उद्यमों ने अधिक प्रतिस्पर्धी बनने के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकियों का उपयोग शुरू कर दिया है रिपोर्ट के अनुसार, बी2सी ई-कॉमर्स के 2022 में 60-65 अरब डॉलर से 2030 तक 5-6 गुना वृद्धि के साथ 350-380 अरब डॉलर तक पहुंचने की संभावना है रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि बी2बी ई-कॉमर्स 2022 में 8-9 अरब डॉलर से 13-14 गुना वृद्धि कर 2030 में 105-120 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा टेमासेक के निवेश खंड के प्रबंध निदेशक विशेष श्रीवास्तव ने कहा कि वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि के लिए भारत अब एक नई उम्मीद है.
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