जरुरी जानकारी | देश का निर्यात दिसंबर में 12.2 प्रतिशत घटा, व्यापार घाटा बढ़कर 23.76 अरब डॉलर पर

नयी दिल्ली, 16 जनवरी वैश्विक चुनौतियों के बीच देश का निर्यात चालू वित्त वर्ष के दिसंबर महीने में 12.2 प्रतिशत घटकर 34.48 अरब डॉलर रहा। वहीं व्यापार घाटा इस दौरान बढ़कर 23.76 अरब डॉलर पर पहुंच गया।

सोमवार को जारी आधिकारिक बयान के अनुसार, पिछले महीने आयात 3.5 प्रतिशत घटकर 58.24 अरब डॉलर रहा जो एक साल पहले इसी महीने में 60.33 अरब डॉलर था।

एक साल पहले 2021 के दिसंबर महीने में निर्यात 39.27 अरब डॉलर था। जबकि उस समय व्यापार घाटा 21.06 अरब डॉलर था।

चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-दिसंबर के दौरान देश का कुल निर्यात नौ प्रतिशत बढ़कर 332.76 अरब डॉलर रहा। आयात भी आलोच्य अवधि में 24.96 प्रतिशत बढ़कर 551.7 अरब डॉलर पर पहुंच गया।

इससे वस्तुओं का व्यापार घाटा चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों में 218.94 अरब डॉलर रहने का अनुमान है जो एक साल पहले इसी अवधि में 136.45 अरब डॉलर था।

वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने कहा, ‘‘वैश्विक चुनौतियों के बावजूद, देश का निर्यात बेहतर बना हुआ है। वैश्विक स्तर पर मंदी का रुख है। ऐसे में कई चुनौतियों का हम सामना कर रहे हैं।’’

चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों में कच्चे तेल का आयात 45.62 प्रतिशत बढ़कर 163.91 अरब डॉलर रहा जो एक साल पहले इसी अवधि में 112.56 अरब डॉलर था।

इसी प्रकार कोयला, कोक और ‘ब्रिकेट’ का आयात वित्त वर्ष 2022-23 के अप्रैल-दिसंबर में लगभग दोगुना होकर 40.55 अरब डॉलर रहा। जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 21.66 अरब डॉलर था।

निर्यात के मोर्चे पर इंजीनियरिंग वस्तुओं का निर्यात दिसंबर महीने में करीब 12 प्रतिशत घटकर 9.08 अरब डॉलर रहा जबकि रत्न एवं आभूषणों का निर्यात 15.2 प्रतिशत कम होकर 2.54 अरब डॉलर रहा।

इसके अलावा, आलोच्य महीने में जिन अन्य वस्तुओं के निर्यात में कमी आई है, उसमें कॉफी, काजू, चमड़े के सामान, दवा, कालीन और हथकरघा शामिल हैं।

पेट्रोलियम उत्पादों का निर्यात भी दिसंबर में करीब 27 प्रतिशत घटकर 4.93 अरब डॉलर रहा।

सचिव ने कहा कि उत्पादन आधारित प्रोत्साहन से इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र के निर्यात को गति मिली है। इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं का निर्यात 2022-23 के दिसंबर महीने में 51.56 प्रतिशत बढ़कर 16.67 अरब डॉलर रहा।

आंकड़ों के अनुसार, रूस से आयात चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-दिसंबर के दौरान चार गुना बढ़कर 32.88 अरब डॉलर पहुंच गया। इसका कारण कम भाव का लाभ उठाने के लिये सरकार का कच्चे तेल का आयात बढ़ाना है।

दिसंबर महीने में तेल का आयात करीब छह प्रतिशत बढ़कर 17.5 अरब डॉलर रहा। सोने का आयात 75 प्रतिशत घटकर 1.18 अरब डॉलर रहा।

चीन से आयात अप्रैल-दिसंबर 2022 के दौरान करीब 12 प्रतिशत बढ़कर 75.87 अरब डॉलर रहा। चीन को निर्यात हालांकि 35.58 प्रतिशत घटकर 11 अरब डॉलर रहा।

चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-दिसंबर के दौरान अमेरिका सबसे बड़े निर्यात गंतव्य के रूप में उभरा। वहां निर्यात 6.8 प्रतिशत बढ़कर 59.57 अरब डॉलर रहा। उसके बाद संयुक्त अरब अमीरात, नीदरलैंड, बांग्लादेश और सिंगापुर का स्थान रहा।

बर्थवाल ने कहा कि निर्यातकों के मसले को सुलझाने और निर्यात को गति देने के लिये मंत्रालय देशों के स्तर पर तथा वस्तुओं के मामले में विस्तार से विश्लेषण कर रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी निर्यात संवर्धन परिषद से लगातार संपर्क में है।’’

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