एफआईएच वार्षिक पुरस्कारों में भारतीयों को दबदबा, ओलंपिक चैंपियन बेल्जियम ने उठाये सवाल
हॉकी (Photo Credits: Twitter)

लुसाने, 6 अक्टूबर : भारत ने अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ (एफआईएच) के वार्षिक पुरस्कारों में बुधवार को अपना दबदबा बनाया तथा मतदान पर आधारित प्रणाली में सभी वर्गों में शीर्ष पुरस्कार हासिल किये जिसे पुरुष ओलंपिक चैंपियन बेल्जियम ने पुरस्कारों की ‘विफलता’ करार दिया. भारत के पांच खिलाड़ियों तथा पुरुष और महिला टीमों के मुख्य कोच ने विभिन्न वर्गों में सर्वाधिक मत पाकर शीर्ष पुरस्कार हासिल किये. भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने तोक्यो ओलंपिक खेलों में कांस्य पदक जीता था जबकि महिला टीम चौथे स्थान पर रही थी. गुरजीत कौर (महिला) और हरमनप्रीत सिंह (पुरुष) ने अपने वर्गों में वर्ष का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी (प्लेयर ऑफ द ईयर) का पुरस्कार हासिल किया. सविता पूनिया (सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर, महिला), पीआर श्रीजेश (सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर, पुरुष), शर्मिला देवी (सर्वश्रेष्ठ उदीयमान स्टार, महिला) और विवेक प्रसाद (सर्वश्रेष्ठ उदीयमान स्टार, पुरुष) के साथ-साथ भारत की महिला टीम के कोच सोर्ड मारिन और पुरुष टीम के मुख्य कोच ग्राहम रीड भी सर्वाधिक मत पाकर शीर्ष पर रहे. रीड अब भी टीम के साथ बने हुए हैं जबकि मारिन का कार्यकाल तोक्यो खेलों के साथ ही समाप्त हो गया था. ड्रैग फ्लिकर हरमनप्रीत और गुरजीत ने अपनी टीमों की तरफ से ओलंपिक खेलों में सर्वाधिक गोल किये थे. हॉकी बेल्जियम ने विजेताओं की घोषणा होने के बाद इस पर कड़ी प्रतिक्रिया की और पुरस्कारों की प्रक्रिया पर सवाल उठाये क्योंकि तोक्यो खेलों के चैंपियन को एक भी पुरस्कार नहीं मिला.

उसने ट्वीट किया, ‘‘हॉकी बेल्जियम एफआईएच हॉकी स्टार अवार्ड के परिणामों से बेहद निराश है. एक स्वर्ण पदक विजेता टीम जिसके सभी वर्गों में कई नामांकन थे, उसे एक भी पुरस्कार नहीं मिला जिससे मत प्रणाली की विफलता का पता चलता है. हम भविष्य में एक निष्पक्ष प्रणाली सुनिश्चित करने के लिये एफआईएच के साथ काम करेंगे. ’’ टीम के आधिकारिक हैंडल पर भी इसी तरह की भावनाएं व्यक्त की गयी हैं. टीम की तरफ से ट्वीट किया गया, ‘‘हम पूरी तरह से सहमत हैं. यह सामान्य नहीं है. हमारे खेल की विश्वसनीयता और छवि एक बार फिर मुश्किल दौर से गुजर रही है. बेहद अफसोस की बात है. ’’ राष्ट्रीय संघों के मतों को कुल परिणाम का 50 प्रतिशत माना गया. राष्ट्रीय संघों का प्रतिनिधित्व उनके संबंधित राष्ट्रीय कप्तानों और कोच ने किया. इसके अलावा प्रशंसकों और खिलाड़ियों (25 प्रतिशत) तथा मीडिया (25 प्रतिशत) के मतों के आधार पर अंतिम फैसला किया गया.

एफआईएच के बयान में बताया गया है कि कुल 79 राष्ट्रीय संघों ने मतदान में हिस्सा लिया. इनमें अफ्रीका के 25 सदस्यों में से 11, एशिया के 33 में से 29, यूरोप के 42 में से 19, ओसेनिया के आठ में से तीन तथा पैन अमेरिका के 30 में से 17 सदस्य शामिल हैं. इसमें कहा गया है, ‘‘रिकार्ड 300,000 प्रशंसकों ने मतदान किया. एफआईएच हॉकी स्टार्स पुरस्कारों में प्रशंसकों की भागीदारी बेजोड़ रही.’’ यह भी पढ़ें : Lakhimpur Kheri Violence: राहुल गांधी लखनऊ एयरपोर्ट से सीतापुर के लिए रवाना, प्रियंका गांधी के साथ जाएंगे लखीमपुर

बेल्जियम की पुरुष टीम और महिला वर्ग में ओलंपिक चैंपियन और एफआईएच हॉकी प्रो लीग 2020-21 की विजेता नीदरलैंड के खिलाड़ी मतगणना में भारतीयों से पिछड़ गये. पुरुष वर्ग में बेल्जियम के अलेक्सांद्र हेंड्रक्सि और आर्थर वान डोरेन वर्ष के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी की मतगणना में दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे. बेल्जियम के विन्सेंट वनास्क सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर में दूसरे स्थान पर रहे जबकि न्यूजीलैंड के शेन मैकलॉयड को दूसरा सर्वश्रेष्ठ कोच चुना गया.

महिलाओं में वर्ष की सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी की दौड़ में नीदरलैंड की इवा डि गोइडे और फ्रेडरिक माटला क्रमश: दूसरे और तीसरे स्थान पर रही जबकि आस्ट्रेलिया की कोच एलिसन अन्नान वर्ष की सर्वश्रेष्ठ कोच की मतगणना में दूसरे स्थान पर रही. एफआईएच हॉकी स्टार्स पुरस्कार कोविड-19 महामारी के कारण 2020 में आयोजित नहीं किये गये थे. एफआईएच ने कहा कि इस बार के पुरस्कारों में जनवरी 2020 से लेकर तोक्यो ओलंपिक तक के प्रदर्शन को शामिल किया गया. मतदान प्रक्रिया 23 अगस्त को शुरू हुई और 15 सितंबर तक चली. हॉकी इंडिया के अध्यक्ष ज्ञानेंद्रो निंगोम्बाम ने विजेताओं को बधाई दी. उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय हॉकी के लिये यह शानदार पल है कि एफआईएच स्टार्स अवार्ड्स के लिये हमारे सभी नामांकितों को विजेता घोषित किया गया.’’