Paris Olympics 2024: भारतीय निशानेबाज 10 मीटर एयर राइफल मिश्रित स्पर्धा और पुरुष पिस्टल के क्वालीफिकेशन में बाहर

रमिता और अर्जुन की जोड़ी ने एक समय उम्मीद बनाई थी। यह भारतीय जोड़ी तीन शॉट शेष रहते पांचवें स्थान पर थी, लेकिन आखिर में पदक राउंड के कट ऑफ से 1.0 अंक पीछे रह गई. अर्जुन ने दूसरी सीरीज में शानदार शुरुआत की और 10.5, 10.6, 10.5, 10.9 का स्कोर बनाया। रमिता ने दूसरी सीरीज में 10.2, 10.7, 10.3, 10.1 का स्कोर बनाया.

पेरिस: एयर राइफल मिश्रित टीमें की ओलंपिक खेलों में शनिवार को यहां निराशाजनक शुरुआत के बाद सरबजोत सिंह और अर्जुन सिंह चीमा ने टुकड़ो में अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन पुरुषों की 10 मीटर एयर पिस्टल के फाइनल में जगह नहीं बना सके. सरबजोत क्वालिफिकेशन में 577 के कुल स्कोर के साथ नौवें स्थान पर रहे जबकि अर्जुन 574 के स्कोर के साथ 18वें स्थान पर रहे. Paris Olympics 2024: ओलंपिक पदक का 36 साल का इंतजार खत्म करने उतरेंगे भारतीय तीरंदाज

आठवें स्थान के साथ फाइनल में जगह बनाने वाले जर्मनी के रॉबिन वाल्टर का स्कोर भी 577 था लेकिन उन्होंने सरबजोत के 16 के मुकाबले 17 सटीक निशाने लगाए थे. सरबजोत चौथी सीरीज में परफेक्ट 100 का स्कोर करने के बाद शीर्ष तीन में पहुंच गये थे, लेकिन 22 साल का यह निशानेबाज लय बरकरार रखने में नाकाम रहा और मामूली अंतर से फाइनल में जगह बनाने से चूक गये.

चीमा भी एक समय चौथे स्थान पर पहुंच गए थे लेकिन वह भी इस लय का बरकरार नहीं रख सके. चीमा और सरबजोत दोनों उस भारतीय टीम का हिस्सा थे जिसने पिछले साल हांगझोऊ में एशियाई खेलों में 10 मीटर एयर पिस्टल टीम स्वर्ण पदक जीता था. इससे पहले भारतीय निशानेबाज 10 मीटर एयर राइफल मिश्रित टीम क्वालीफिकेशन चरण में बाहर हो गए.

भारत की दो जोड़ियां इस स्पर्धा में भाग ले रही थी. रमिता जिंदल और अर्जुन बाबूता 628.7 के कुल स्कोर के साथ छठे, जबकि इलावेनिल वलारिवन और संदीप सिंह 626.3 के कुल स्कोर के साथ 12वें स्थान पर रहे.

रमिता और अर्जुन की जोड़ी ने एक समय उम्मीद बनाई थी। यह भारतीय जोड़ी तीन शॉट शेष रहते पांचवें स्थान पर थी, लेकिन आखिर में पदक राउंड के कट ऑफ से 1.0 अंक पीछे रह गई. अर्जुन ने दूसरी सीरीज में शानदार शुरुआत की और 10.5, 10.6, 10.5, 10.9 का स्कोर बनाया। रमिता ने दूसरी सीरीज में 10.2, 10.7, 10.3, 10.1 का स्कोर बनाया.

इससे यह जोड़ी शीर्षक आठ में तो पहुंच गई लेकिन पदक राउंड में जगह बनाने के लिए यह स्कोर पर्याप्त नहीं था. पदक राउंड में पहुंचने के लिए शीर्ष चार में जगह बनाना जरूरी था. चीन, कोरिया और कजाकिस्तान की टीम क्वालीफिकेशन दौर में पहले तीन स्थानों पर रही.

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