नयी दिल्ली, 15 सितंबर एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने चालू वित्त वर्ष 2020-21 में भारतीय अर्थव्यवस्था में नौ प्रतिशत की गिरावट का अनुमान लगाया है।
एडीबी का कहना है कि कोविड-19 महामारी लंबे तक कायम रहने या संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी से भारत का वृद्धि परिदृश्य और प्रभावित हो सकता है। चार दशकों में यह पहला मौका होगा जबकि भारतीय अर्थव्यवस्था में संकुचन आएगा।
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एडीबी की ओर से मंगलवार को जारी एशियाई विकास परिदृश्य (एडीओ)-2020 अपडेट में कहा गया है कि भारत में कोरोना वायरस की वजह से आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। इसका असर उपभोक्ता धारणा पर भी पड़ा है, जिससे चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में नौ प्रतिशत की गिरावट आएगी।
हालांकि, एडीबी का अनुमान है कि अगले वित्त वर्ष 2021-22 में भारतीय अर्थव्यवस्था में बड़ा उछाल आएगा। एडीबी ने कहा कि आवाजाही तथा कारोबारी गतिविधियां खुलने से अगले वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक वृद्धि दर आठ प्रतिशत रहेगी।
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एडीबी के मुख्य अर्थशास्त्री यासुयुकी सवादा ने कहा, ‘‘भारत ने महामारी के प्रसार को रोकने के लिए सख्त लॉकडाउन लगाया। इससे आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुईं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अगले वित्त वर्ष और उससे आगे अर्थव्यवस्था की वृद्धि के लिए महामारी पर अंकुश के उपाय, जांच, निगरानी और इलाज की क्षमता का विस्तार महत्वपूर्ण है। इन उपायों को प्रभावी तरीके से कार्यान्वित करने की जरूरत है, तभी अर्थव्यवस्था आगे उबर पाएगी।’’
एडीबी ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से निजी निवेश पूरी तरह रुक गया है। इसके मद्देनजर एडीबी ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के वृद्धि दर के अनमान को घटाकर -9 प्रतिशत कर दिया है। इससे पहले जून में एडीबी ने भारतीय अर्थव्यवस्था में 4 प्रतिशत की गिरावट अनुमान लगाया था।
एडीबी ने कहा कि कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों की वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था का वृद्धि परिदृश्य कमजोर है। अब वैश्विक स्तर पर भारत में संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले आ रहे हैं।
एडीबी के अनुसार, सार्वजनिक और निजी कर्ज में बढ़ोतरी से भी भारतीय अर्थव्यवस्था के नीचे की ओर जाने का जोखिम है। इससे प्रौद्योगिकी और बुनियादी ढांचा निवेश प्रभावित हो सकता है। साथ ही इससे बैंकों की गैर निष्पादित आस्तियां (एनपीए) बढ़ सकती हैं, जिससे वित्तीय क्षेत्र और कमजोर होगा और उसकी आर्थिक वृद्धि को समर्थन की क्षमता प्रभावित होगी।
इससे पहले एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने सोमवार को कहा था कि चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में 9 प्रतिशत की गिरावट आएगी। पहले एसएंडपी ने भारतीय अर्थव्यवस्था में 5 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान लगाया था।
पिछले सप्ताह दो अन्य वैश्विक रेटिंग एजेंसियों मूडीज और फिच ने भी भारत की वृद्धि दर का अनुमान घटाया था। मूडीज ने चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में 11.5 प्रतिशत तथा फिच ने 10.5 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान लगाया है। हालांकि, गोल्डमैन सैश का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में 14.8 प्रतिशत की गिरावट आएगी।
घरेलू रेटिंग एजेंसियों की बात की जाए, तो इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में 11.8 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान लगाया है। क्रिसिल ने 9 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान लगाया है।
एडीबी ने कहा कि सरकार ने महामारी से उबरने के लिए ग्रामीण रोजगार गारंटी और अन्य सामाजिक सुरक्षा उपाय शुरू किए हैं। हालांकि, इससे ग्रामीण इलाकों के कमजोर वर्ग के लोगों को फायदा होगा, लेकिन इसके बावजूद निजी उपभोग बढ़ाने में मदद नहीं मिलेगी।
एडीबी का अनुमान है कि विकासशील एशिया में 2020 में जीडीपी में 0.7 प्रतिशत की गिरावट आएगी। यह 1962 के बाद विकासशील एशिया में पहली गिरावट होगी। वहीं इस रुख के उलट चीन इस साल 1.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करेगा। 2021 में चीन की वृद्धि दर 7.7 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। विकासशील एशिया में जापान जैसे विकसित देश नहीं आते हैं।
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