वाशिंगटन, 27 अप्रैल वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने क्रिप्टो करेंसी के दुरुपयोग की आशंका जताते हुए कहा कि भारत इस डिजिटल मुद्रा के नियमन को लेकर सोच-विचार कर निर्णय करेगा।
उन्होंने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में एक कार्यक्रम के दौरान बातचीत में कहा कि क्रिप्टो पर निर्णय जल्दबाजी में नहीं लिया जाएगा।
सीतारमण ने कहा, ‘‘ हमें यह सुनिश्चित करना है कि जो भी उपलब्ध जानकारी है, उसके आधार पर उचित निर्णय लिया जाए। इसमें जल्दबाजी नहीं की जा सकती। इसमें समय लगेगा।’’
मंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार ‘ब्लॉकचेन’ से जुड़ी प्रौद्योगिकी में नवोन्मेष और उसे आगे बढ़ाने को लेकर पूरी तरह से तैयार है।
सीतारमण ने कहा कि हमारा इरादा किसी भी तरह से इसे (क्रिप्टो से जुड़े नवोन्मेष) प्रभावित करना नहीं है।
उन्होंन कहा कि मनी लांड्रिंग या आतंकवादियों के वित्तपोषण को लेकर क्रिप्टोकरेंसी में हेराफेरी भी की जा सकती है।
वित्त मंत्री ने कहा कि ये कुछ चिंताएं हैं। ये चिंताएं केवल भारत के ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों की हैं। इस पर विभिन्न मंचों पर चर्चा भी हुई है।
उल्लेखनीय है कि भारत केंद्रीय बैंक के समर्थन वाली डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) पेश करने की योजना बना रहा है।
सीतारमण ने एक फरवरी को अपने बजट भाषण में घोषणा की थी कि भारतीय रिजर्व बैंक 2022-23 में डिजिटल रुपया या सीबीडीसी जारी करेगा।
एचडीएफसी लि. और एचडीएफसी बैंक के विलय के बारे में सीतारमण ने कहा कि यह अच्छा कदम है क्योंकि भारत को बुनियादी ढांचे के लिये बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए कई बड़े बैंकों की जरूरत है।
कोविड संक्रमण से मरने वालों की संख्या की सही जानकारी नहीं आने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि केंद्र सरकर ने जो आंकड़े दिये, वे राज्यों से प्राप्त हुए थे।
सीतारमण ने कहा कि राज्य सरकारों के आंकड़ों में बदलाव के बाद कुल आंकड़ों को संशोधित किया गया। संक्रमण के कारण कुछ लोगों की मौत घरों पर हुई, उसे बाद में राज्यों ने अद्यतन किया।
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