नयी दिल्ली, 12 जून वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को कहा कि भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने अपने गैर-तेल द्विपक्षीय व्यापार को वर्ष 2030 तक 100 अरब डॉलर पर ले जाने का इरादा जताया है।
फिलहाल दोनों देशों के बीच पेट्रोलियम उत्पादों से अलग द्विपक्षीय व्यापार 48 अरब डॉलर है।
भारत एवं यूएई के बीच पिछले साल एक मई को लागू हुए समग्र आर्थिक भागीदारी समझौते (सीईपीए) की संयुक्त समिति की पहली बैठक में गैर-तेल व्यापार को बढ़ाने के लक्ष्य पर सहमति जताई गई।
गोयल ने संयुक्त समिति की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने मिलकर यह तय किया है कि अब हमें अधिक महत्वाकांक्षी होना चाहिए। इसलिए वर्ष 2030 तक कुल द्विपक्षीय व्यापार को 100 अरब डॉलर तक ले जाने के पिछले लक्ष्य के बजाय अब हम गैर-पेट्रोलियम कारोबार को ही 2030 तक 100 अरब डॉलर तक पहुंचाना चाहेंगे। इस तरह सात साल में गैर-पेट्रोलियम कारोबार को दोगुने से भी अधिक करने का इरादा है।’’
यूएई, भारत को कच्चे तेल की आपूर्ति करने वाले प्रमुख देशों में से एक है। दोनों देशों के द्विपक्षीय व्यापार में यूएई से भारत आने वाले कच्चे तेल की बड़ी हिस्सेदारी है।
गोयल ने कहा कि दोनों देशों के कारोबार क्षेत्रों को अपना व्यापार बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है और सीईपीए समझौते को अच्छी तरह क्रियान्वित करने से इसमें मदद मिलेगी।
सीईपीए संबंधी संयुक्त समिति की बैठक में व्यापार समझौते के विभिन्न पहलुओं पर नजर रखने के लिए कई समितियों एवं उप-समितियों के गठन पर भी सहमति बनी। वस्तु निर्यात, सीमा-शुल्क सुविधा, मूल-स्थान के नियम और तकनीकी बाधाओं से संबंधित मुद्दों पर ये समितियां बनाई जाएंगी।
इसके अलावा सेवाओं के कारोबार से संबंधित मुद्दों के निपटारे के लिए भी एक उप-समिति बनाई जाएगी।
गोयल ने कहा कि दोनों देशों के बीच भारत-यूएई सीईपीए परिषद के गठन पर भी सहमति बनी। यह परिषद दोनों देशों की सरकारों के लिए समझौते के क्रियान्वयन संबंधी माध्यम के तौर पर काम करेगी।
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