देश की खबरें | भारत हिंद-प्रशांत क्षेत्र में आसियान की एकता और केंद्रीयता का समर्थन करता है: जयशंकर

नयी दिल्ली, पांच अगस्त विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा है कि भारत स्वतंत्र, खुले, समावेशी और नियम-आधारित हिंद-प्रशांत क्षेत्र में आसियान की एकता और केंद्रीयता का समर्थन करता है और दोनों पक्षों को इस क्षेत्र में अधिक सहयोग के लिए प्रयास करने चाहिए।

नोम पेन्ह में बृहस्पतिवार को वार्षिक दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संघ (आसियान) -भारत विदेश मंत्रियों की बैठक (एआईएफएमएम) में जयशंकर ने क्षेत्रीय, बहुपक्षीय और वैश्विक व्यवस्था के एक महत्वपूर्ण स्तंभ के रूप में 10 देशों के समूह में भारत के महत्व पर प्रकाश डाला।

बैठक के एक दिन बाद, विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि दोनों पक्षों ने ‘‘स्मार्ट कृषि’’, स्वास्थ्य देखभाल, नवीकरणीय ऊर्जा और डिजिटल समावेशिता के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने सहित ‘‘आसियान-भारत’’ संबंधों को बढ़ाने के तरीकों पर विचार-विमर्श किया।

इसमें कहा गया है कि मंत्रियों ने आपसी हित के महत्वपूर्ण क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर विचार साझा किए और आगामी आसियान-भारत शिखर सम्मेलन की तैयारियों पर चर्चा की।

आसियान को इस क्षेत्र के सबसे प्रभावशाली समूहों में से एक माना जाता है और भारत, अमेरिका, चीन, जापान तथा ऑस्ट्रेलिया सहित कई अन्य देश इसके संवाद भागीदार हैं।

कंबोडिया आसियान का वर्तमान अध्यक्ष है। जयशंकर और सिंगापुर के उनके समकक्ष विवियन बालकृष्णन की सह-अध्यक्षता में एआईएफएमएम में विदेश मंत्रियों और आसियान के अन्य सदस्य देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

विदेश मंत्री ने ‘आसियान अधिनियम: एक साथ चुनौतियों का समाधान’ विषय के तहत इस वर्ष आसियान की कंबोडियाई अध्यक्षता की सराहना की।

विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘उन्होंने क्षेत्रीय, बहुपक्षीय और वैश्विक व्यवस्था के एक महत्वपूर्ण स्तंभ के रूप में आसियान पर भारत के महत्व पर प्रकाश डाला। विदेश मंत्री ने एक स्वतंत्र, खुले, समावेशी और नियम-आधारित हिंद-प्रशांत क्षेत्र में आसियान एकता और केंद्रीयता के लिए भारत के समर्थन को दोहराया।’’

मंत्रालय ने कहा कि आसियान के विदेश मंत्रियों ने आसियान को भारत के लगातार समर्थन की सराहना की और संबंधों को और मजबूत करने के लिए मिलकर काम करने की उम्मीद जताई।

यात्रा के दौरान जयशंकर ने कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन सेन से भी मुलाकात की और आपसी हित के द्विपक्षीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की।

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