नयी दिल्ली, 17 अगस्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के उनके समकक्ष शिंजो आबे के बीच वार्षिक शिखर अगले महीने होने की संभावना है तथा उसमें पहले से दोनों देशों के बीच घनिष्ठ रणनीतिक और व्यापारिक संबंधों को और विस्तार देने पर बल दिया जाएगा।
इस घटनाक्रम से संबंधित लोगों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
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पिछले साल दिसंबर में गुवाहाटी में वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए आबे की भारत यात्रा संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ असम की राजधानी में व्यापक प्रदर्शन के चलते रद्द कर दी गयी थी।
संबंधित लोगों ने बताया कि अगले महीने का शिखर सम्मेलन डिजिटल होगा और उसकी तैयारी चल रही है।
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उन्होंने बताया कि संभावना है कि सम्मेलन में दोनों पक्ष साजो-सामान संबंधी सहायता के वास्ते एक-दूसरे के सैन्य अड्डों तक पहुंच के लिए सैन्य करार कर सकते हैं। इससे दोनों देशों की सेनाओं को मरम्मत और अन्य जरूरतों के लिए एक-दूसरे के सैन्य अड्डों के इस्तेमाल की अनुमति होगी।
दोनों देश पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ भारत के सीमा विवाद के बीच इस सम्मेलन की तैयारी कर रहे हैं।
भारत का दृढ़ समर्थन करते हुए जापान ने पिछले महीने कहा था कि वह इस क्षेत्र में यथास्थिति में किसी भी बदलाव की ‘किसी भी एकतरफा प्रयास’ का विरोध करता है।
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