भारत स्वच्छ ऊर्जा के लिए सर्वाधिक आकर्षक वैश्विक बाजार: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि भारत स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में सर्वाधिक आकर्षक वैश्विक बाजार के रूप में उभरा है. मोदी ने कहा कि आज रीवा ने वाकई इतिहास रच दिया है. रीवा की पहचान मां नर्मदा के नाम से और सफेद बाघ से रही है. अब इसमें एशिया के सबसे बड़े सौर ऊर्जा परियोजना का नाम भी जुड़ गया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Photo Credits: ANI)

रीवा/मध्यप्रदेश,10 जुलाई:  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने शुक्रवार को कहा कि भारत स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में सर्वाधिक आकर्षक वैश्विक बाजार के रूप में उभरा है. मोदी ने मध्यप्रदेश के रीवा में 750 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजना का वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए शुभारंभ करते हुए कहा, 'रीवा का यह सोलर प्लांट इस पूरे क्षेत्र को इस दशक में उर्जा का बहुत बड़ा केन्द्र बनाने में मदद करेगा. उन्होंने कहा कि रीवा के इस सौर संयंत्र से मध्य प्रदेश के लोगों एवं यहां के उद्योगों को बिजली मिलेगी.

मोदी ने कहा कि रीवा की तरह मध्य प्रदेश के शाजापुर, नीमच एवं छतरपुर में भी बड़े सौर ऊर्जा संयंत्र पर काम चल रहा है और मुझे पक्का भरोसा है कि यह जल्दी ही पूरा होगा . ओमकारेश्वर बांध पर तो पानी में तैरता हुआ सोलर प्लांट है.'' उन्होंने कहा, ''ये तमाम प्रोजेक्ट जब तैयार हो जाएंगे तो मध्य प्रदेश निश्चित रूप से सस्ती और साफ-सुथरी बिजली का हब बन जाएगा. इसका सबसे अधिक लाभ मध्य प्रदेश के गरीब, मध्यम वर्ग के परिवारों, किसानों एवं आदिवासियों को होगा.''

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देश की संस्कृति, परंपरा एवं रोजमर्रा के जीवन में सूर्य उपासना का एक विशेष स्थान बताते हुए मोदी ने कहा, ''ये सूर्यदेव का ही आशीर्वाद है कि हम सौर ऊर्जा उत्पादक के मामले में दुनिया के शीर्ष पांच देशों में पहुंच गये हैं.'' उन्होंने कहा, 'सौर ऊर्जा आज की ही नहीं, बल्कि 21वीं सदी की ऊर्जा की जरूरतों का एक बड़ा माध्यम होने वाला है, क्योंकि सौर ऊर्जा सुरक्षित, शुद्ध और भरोसेमंद है.'

मोदी ने कहा, "सुरक्षित इसलिए क्योंकि ऊर्जा के बिजली के दूसरे स्रोत खत्म हो सकते हैं, लेकिन सूर्य सर्वदा पूरे विश्व में हमेशा ही चमकते रहेंगे. शुद्ध इसलिए क्योंकि ये पर्यावरण को प्रदूषित करने के बजाय उसको सुरक्षित रखने में मदद करता है. और भरोसेमंद इसलिए क्योंकि आत्मनिर्भरता का एक बहुत बड़ा प्रतीक एवं प्रेरणा है और हमारी ऊर्जा जरूरतों को भी सुरक्षित करता है." उन्होंने कहा कि जैसे—जैसे भारत विकास के नये शिखर की तरफ बढ़ रहा है, हमारी आशाएं एवं आकांक्षाएं भी बढ़ रहीं हैं और वैसे-वैसे हमारी ऊर्जा एवं बिजली की जरूरतें भी बढ़ रही हैं.

ऐसे में आत्मर्निभर भारत के लिए बिजली की आत्मनिर्भरता बहुत आवश्यक है. इसमें सौर ऊर्जा एक बहुत बड़ी भूमिका निभाने वाली है और हमारे प्रयास भारत की इसी ताकत को विस्तार देने के हैं.

मोदी ने कहा कि जब हम आत्मनिर्भरता एवं प्रगति की बात करते हैं, तो अर्थव्यवस्था उसका एक अहम पक्ष होता है. पूरी दुनिया के नीति निर्माता वर्षों से दुविधा में हैं कि अर्थव्यवस्था की सोचें या पर्यावरण की सोचें.

इसी अनिश्चितता में में फैसले कहीं एक पक्ष में लिए जाते हैं और कहीं दूसरे पक्ष में लिए जाते हैं. लेकिन भारत ने यह दिखाया है कि ये दोनों एक दूसरे के विरोधी नहीं हैं, बल्कि एक दूसरे के सहयोगी हैं. उन्होंने कहा कि भारत के लिए अर्थव्यवस्था एवं पर्यावरण दो अलग-अलग पक्ष नहीं हैं, बल्कि एक दूसरे के पूरक पक्ष हैं. सरकार के हर काम में पर्यावरण एवं 'इज ऑफ लिविंग' को प्राथमिकता दी जा रही है. हमारे लिए पर्यावरण की सुरक्षा कुछ प्रोजेक्ट तक सीमित नहीं है, बल्कि ये 'वे आफ लाइफ' है.

मोदी ने कहा कि आज रीवा ने वाकई इतिहास रच दिया है. रीवा की पहचान मां नर्मदा के नाम से और सफेद बाघ से रही है. अब इसमें एशिया के सबसे बड़े सौर ऊर्जा परियोजना का नाम भी जुड़ गया है. इसके लिए मैं मध्यप्रदेश एवं रीवा के लोगों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं. प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार 10 जुलाई पूर्वान्ह 11 बजे विश्व की बड़ी सौर परियोजनाओं में शामिल रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर परियोजना का लोकार्पण किया .इस परियोजना पर लगभग 4,000 करोड़ रूपये की लागत आयी है और इसमें पूर्ण क्षमता से सौर ऊर्जा का उत्पादन प्रारंभ हो चुका है.

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