भारत अभी सामुदायिक स्तर पर संक्रमण के चरण में नहीं है: आईसीएमआर
आईसीएमआर (Photo Credits: ANI)

नयी दिल्ली: केंद्र सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा कि देश में कोरोना वायरस महामारी अभी सामुदायिक स्तर पर संक्रमण के चरण में नहीं है. हालांकि, ग्रामीण इलाकों की तुलना में शहरी क्षेत्रों और शहरी झुग्गी बस्तियों में संक्रमण का अधिक खतरा है. सरकार ने यह भी कहा कि कोविड-19 के प्रसार पर भारत के प्रथम ‘सीरो-सर्वेक्षण’ में यह पाया गया है कि लॉकडाउन और विभिन्न स्थानों पर प्रवेश-निकास निषिद्ध करने के उपाय संक्रमण की तीव्र वृद्धि रोकने में सफल रहे हैं. हालांकि, बड़ी संख्या में आबादी के इसकी चपेट में आने को लेकर अब भी खतरा है.

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भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक बलराम भार्गव ने प्रेस वार्ता में कहा कि सीरो-सर्वेक्षण के दो हिस्से हैं, प्रथम हिस्से में ‘सार्स-सीओवी-2’ से संक्रमित सामान्य आबादी के हिस्से का अनुमान लगाया गया है. वहीं, दूसरे हिस्से में आबादी के उस हिस्से को रखा गया है, जो निरुद्ध क्षेत्रों या संक्रमण के अधिक मामलों वाले शहरों में सक्रमित हुए हैं. उन्होंने कहा, ‘‘भारत सामुदायिक स्तर पर संक्रमण के चरण में अभी नहीं है. हमें जांच करना, संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आये लोगों का पता लगाना, उन तक पहुंचना, उसे पृथक रखने का कार्य और निरुद्ध क्षेत्र घोषित करने का कार्य जारी रखना होगा. साथ ही, हमें इस सिलसिले में असावधान नहीं होना होगा.’’

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उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण का पहला हिस्सा पूरा हो गया है जबकि दूसरा जारी है. यह सर्वेक्षण आईसीएमआर ने राज्य स्वास्थ्य विभागों, राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के साथ समन्वय कर मार्च में शुरू किया था. भार्गव ने कहा कि अध्ययन में कुल 83 जिलों और 26,400 लोगों को शामिल किया गया. मीडिया को साझा किये गये आंकड़ों में कहा गया है कि 65 जिलों से आंकड़ों का संकलन कर लिया गया है.

भार्गव ने कहा कि सीरो-सर्वेक्षण में पाया गया कि सर्वेक्षण शामिल किये गये जिलों में आबादी का 0.73 प्रतिशत हिस्सा सार्स-सीओवी-2 के संपर्क में अतीत में आ चुका है. उन्होंने कहा, ‘‘लॉकडाउन और संक्रमण वाले स्थानों में प्रवेश- निकास निषिद्ध करने के उपाय संक्रमण को कम रखे हुए हैं और इसे तेजी से फैलने से रोक रहा है.’’ भार्गव ने कहा कि हालांकि, इसका मतलब है कि आबादी के एक बड़े हिस्से के इस महामारी की चपेट में आने को लेकर अब भी खतरा है और ग्रामीण इलाकों की तुलना में शहरी इलाकों में (1.09 गुना) और शहरी झुग्गी बस्तियों में (1.89 गुना) खतरा अधिक है.

इसमें पाया गया कि संक्रमण से होने वाली मौत की दर बहुत कम 0.08 प्रतिशत है और निरुद्ध क्षेत्रों में संक्रमण अलग-अलग दर के साथ अधिक है। हालांकि, सर्वेक्षण अभी जारी है. भार्गव ने कहा कि शहरी झुग्गी बस्तियों में संक्रमण फैलने का अधिक खतरा है और स्थानीय लॉकडाउन की पाबंदियों को जारी रखने की जरूरत है, जैसा कि सरकार ने पहले सलाह दी थी. उन्होंने कहा, ‘‘राज्य सावधानी बरतनी कम नहीं कर सकते हैं और उन्हें प्रभावी निगरानी तथा स्थानों को निरुद्ध करने की रणनीतियां जारी रखने की जरूरत है.’’

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