अमरावती, आठ दिसंबर केन्द्र सरकार द्वारा लाए गए नए कृषि कानूनों के खिलाफ आहूत भारत बंद आंध्र प्रदेश में शांतिपूर्वक खत्म हो गया। राज्य सरकार ने सार्वजनिक बस सेवाओं पर रोक लगाकर बंद का समर्थन किया।
राज्य का सचिवालय भी मंगलवार को दोपहर को एक बजे के बाद खुला क्योंकि सरकार ने कर्मचारियों के बेलागपुड़ी पहुंचने के लिये सुबह में बसों का प्रबंध नहीं किया था। बंद समर्थकों ने अपना प्रदर्शन ज्यादातर बस स्टेशनों तथा राजमार्गों तक ही सीमित रखा। ऐसे में आम जन-जीवन पर खास प्रभाव नहीं पड़ा। हालांकि, राजमार्गों पर यातायात अवरुद्ध रहा।
राज्य सरकार के परामर्श पर शिक्षण संस्थान बंद रहे जबकि बैंक तथा केन्द्र सरकार के अन्य कार्यालयों में कामकाज सामान्य रहा।
वाम दलों ने राज्य के विभिन्न कस्बों में मार्च निकालते हुए केन्द्र सरकार से नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि इससे किसानों को नहीं बल्कि उद्योगपतियों को फायदा होगा।
तेलुगू देसम पार्टी (तेदेपा) तथा कांग्रेस ने भी बंद का समर्थन किया।
तेदेपा प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू ने कृषि कानूनों पर राष्ट्रीय चर्चा की अपील की। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि इस मुद्दे पर किसानों तथा कृषक संगठनों के साथ चर्चा करके आम सहमति बनाई जाए।
उन्होंने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य को किसानों का वैधानिक अधिकार घोषित किया जाए और उन्हें किसी की दया पर न छोड़ा जाए।
राज्य में सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस ने थोड़ी सावधानी बरती क्योंकि उसने संसद में इन कृषि कानूनों का समर्थन किया था। पार्टी ने कहा कि वह मौजूदा संकट विशेषकर न्यूनतम समर्थन मूल्य के मुद्दे के जल्द समाधान की आशा करती है।
राज्य के कृषि मंत्री के कन्ना बाबू ने एक बयान में कहा कि वाईएसआर कांग्रेस ने इस शर्त पर कृषि कानूनों का समर्थन किया कि इससे किसी भी तरह किसानों के हितों को नुकसान नहीं पहुंचेगा।
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