सिंगापुर, 30 जनवरी सिंगापुर में भारत के उच्चायुक्त शिल्पक अंबुले ने यहां कहा कि भारत-सिंगापुर मंत्रिस्तरीय गोलमेज सम्मेलन (आईएसएमआर) द्वारा चिह्नित किए गए नए क्षेत्रों में काम जारी है जिनमें खाद्य सुरक्षा, हरित विकास एवं उभरती तकनीक शामिल है।
अंबुले ने 75वें गणतंत्र दिवस समारोह संबंधी एक कार्यक्रम में सोमवार रात कहा, ‘‘आईएसएमआर ने सहयोग के विशिष्ट स्तंभों की पहचान की है और खाद्य सुरक्षा, डिजिटल परिवर्तन, हरित विकास, कौशल और उभरती प्रौद्योगिकियों के इन नए क्षेत्रों में काम जारी है।’’
आईएसएमआर नेताओं के नेतृत्व वाला मंच है जो कोविड-19 महामारी से उबरने के चरण में तेजी से बदल रहे भू-राजनीतिक घटनाक्रम और आपूर्ति श्रृंखला में मौजूदा व्यवधानों को देखते हुए पारस्परिक रूप से लाभप्रद सहयोग के अवसरों का पता लगाता है।
सिंगापुर की संचार और सूचना मंत्री, साइबर सुरक्षा एजेंसी और ‘स्मार्ट नेशन इनिशिएटिव’ की प्रभारी मंत्री जोसेफाइन तियो इस कार्यक्रम में सम्मानित अतिथि थे।
अंबुले ने कहा कि इन क्षेत्रों की बात करें तो सिंगापुर एक अपरिहार्य भागीदार है और इन क्षेत्रों में सक्रिय सहयोग जारी है।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत और सिंगापुर रणनीतिक साझेदार हैं और मधुर एवं मैत्रीपूर्ण ऐतिहासिक संबंध साझा करते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘सिंगापुर एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) का हमारा सबसे बड़ा स्रोत और आसियान (दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों का संगठन) क्षेत्र में हमारा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है। ’’
उच्चायुक्त ने सिंगापुर और भारत के बीच अंतरिक्ष क्षेत्र में सहयोग का भी जिक्र किया। पिछले साल एक भारतीय अंतरिक्ष यान के जरिए सिंगापुर निर्मित उपग्रह को कक्षा में स्थापित किया गया था।
उन्होंने भारत-सिंगापुर रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने की दिशा में लगातार काम करने के लिए सिंगापुर सरकार के अधिकारियों की सराहना की और उन्हें धन्यवाद दिया।
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