सिंगापुर, 14 नवंबर सिंगापुर की विदेश मंत्री सिम एन ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत और चीन की क्षेत्रीय वृद्धि और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए सिंगापुर और दक्षिण-पूर्व एशियाई क्षेत्र को दोनों देशों के साथ घनिष्ठ संबंध बनाए रखने चाहिए।
विदेश मंत्री ने वैश्विक मंच पर आर्थिक महाशक्तियों और अहम देशों के रूप में चीन और भारत के महत्व को रेखांकित किया। सिम एन ने यह टिप्पणी ‘चीन और भारत: वैश्विक अर्थव्यवस्था को आकार देने वाले दो बड़े देश’ कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में की। इस कार्यशाला का आयोजन नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर (एनयूएस) में ईस्ट एशियन इंस्टीट्यूट (ईएआई) और इंस्टीट्यूट ऑफ साउथ एशियन स्टडीज (आईएसएएस) ने किया था।
कार्यशाला में विशेषज्ञों ने दोनों देशों के बारे में अपने विचार और राय साझा करते हुए बताया कि क्रय शक्ति समता के आधार पर दुनिया की पहली और तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं क्रमश: चीन और भारत का वैश्विक स्तर पर बहुत अधिक प्रभाव है।
विश्व की 35 फीसदी आबादी दोनों देशों में रहती है तथा अनुमान है कि 2024 में वैश्विक आर्थिक विकास में इनका योगदान 50 प्रतिशत होगा।
ईएआई के निदेशक अल्फ्रेड शिपके ने कहा कि चीन और भारत वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में महत्वपूर्ण स्तंभ के रूप में खड़े हैं।
आईएसएएस के निदेशक इकबाल सिंह सेविया ने कहा कि भारत और चीन दोनों ही डिजिटलीकरण के भविष्य और हरित अर्थव्यवस्था में परिवर्तन के लिए महत्वपूर्ण हैं।
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