Jammu and Kashmir: जम्मू-कश्मीर की मतदाता सूची में ‘गैर-स्थानीय लोगों’ को शामिल किया जाना अस्वीकार्य- फारूक अब्दुल्ला
नेशनल कॉन्फ्रेंस के राष्ट्रीय अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला (Photo Credits: PTI)

श्रीनगर, 22 अगस्त : नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने सोमवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर की मतदाता सूची में ‘‘गैर-स्थानीय लोगों को शामिल किया जाना’’ यहां के राजनीतिक दलों को स्वीकार्य नहीं है और यह ‘‘जम्मू-कश्मीर की पहचान को खत्म कर देगा.’’ अब्दुल्ला ने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई थी. उन्होंने कहा कि इस फैसले को कानूनी चुनौती दिये जाने के साथ-साथ अन्य तरीकों से भी विरोध किया जाएगा. उच्च सुरक्षा वाले गुपकर इलाके में नेकां अध्यक्ष फारुख अब्दुल्ला के आवास पर हुई बैठक में उनकी पार्टी के नेताओं के अलावा पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती, कांग्रेस की जम्मू-कश्मीर इकाई के अध्यक्ष विकार रसूल, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता एम. वाई. तारिगामी और शिवसेना के नेताओं ने हिस्सा लिया. वहीं, सज्जाद लोन-नीत पीपुल्स कॉन्फ्रेंस और अल्ताफ बुखारी के नेतृत्व वाली ‘अपनी पार्टी’ के नेताओं ने इस बैठक में हिस्सा नहीं लिया.

अब्दुल्ला द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के खिलाफ ‘‘जवाबी रणनीति’’ तय करने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भी सोमवार को एक बैठक बुलाई है. बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत करते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि सरकार का यह कदम ‘‘जम्मू-कश्मीर की पहचान को खत्म’’ कर देगा. उन्होंने कहा, ‘‘विधानसभा बाहरी लोगों के हाथों में होगी और यहां के लोग वंचित होंगे. हमने इस मुद्दे पर यहां चर्चा की और इस नतीजे पर पहुंचे कि हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे.’’ अब्दुल्ला ने कहा कि बैठक में शामिल हुए सभी दल ‘बाहरी’ लोगों को मताधिकार देने के कदम के खिलाफ एकजुट हैं. उन्होंने कहा, ‘‘हम इसे स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं.’’ अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर की मतदाता सूची में ‘‘गैर-स्थानीय लोगों’’ को शामिल करने के’’ मुद्दे पर चर्चा करने के लिए यह बैठक बुलाई थी. उन्होंने संशोधित मतदाता सूची में मतदाताओं को शामिल करने को लेकर केंद्र शासित प्रदेश के मुख्य चुनाव अधिकारी हृदेश कुमार की टिप्पणी के बाद यह बैठक बुलाई थी. यह भी पढ़ें : पंजाब : होशियारपुर जिले में दुर्घटना में स्कूल के तीन छात्रों की मौत, एक घायल

सरकार ने हालांकि, शनिवार को एक स्पष्टीकरण जारी कर कहा था कि मतदाता सूची में संक्षिप्त संशोधन के बाद संभवतया 25 लाख से अधिक मतदाताओं को जोड़ने की खबरें ‘‘निहित स्वार्थों की गलतबयानी’’ हैं. संशोधित मतदाता सूची के मुद्दे पर जम्मू-कश्मीर प्रशासन के स्पष्टीकरण से असंतुष्ट दलों -नेकां और पीडीपी- ने कहा था कि वे मुद्दे पर चर्चा करने के लिए बैठक बुलाएंगे. नेकां और पीडीपी जैसे दलों ने दावा किया कि प्रशासन ने उनकी इस मुख्य चिंता का समाधान नहीं किया है कि क्या जम्मू-कश्मीर में सामान्यतया रहने वाले ‘‘बाहरी’’ लोगों को मतदाता सूची में अपना नाम शामिल कराने की अनुमति दी जाएगी या नहीं. वहीं, लोन ने पत्रकारों से कहा कि बैठक केवल चर्चा में बने रहने की कवायद लग रही है और वह इसका हिस्सा नहीं बनना चाहेंगे. लोन ने कहा, ‘‘ एक महिला (महबूबा मुफ्ती) ने कहा कि सर्वदलीय बैठक बुलाएं और दूसरे ने इसके लिए फोन किए. मुझे यह भी बताएं कि हम कितना दिखावा कर सकते हैं? हम चौबीसों घंटे एक-दूसरे की राजनीतिक रूप से आलोचना करते रहते हैं. मैंने कल ही उनकी आलोचना की और उससे एक दिन पहले उन्होंने मेरी आलोचना की थी. हम सब कुछ सही होने का दिखावा कब तक कर सकते हैं?’’

उन्होंने कहा, ‘‘अपनी खोई जगह वापस पाने को बेताब महबूबा जी सर्वदलीय बैठक बुलाने के लिए फरमान जारी करती हैं.. महाराजा हरि सिंह का युग काफी पहले बीत चुका है.’’ लोन ने हालांकि कहा कि अगर गैर-स्थानीय लोगों को जम्मू-कश्मीर की मतदाता सूची में शामिल किया जाता है तो उनकी पार्टी देश के सभी संवैधानिक संस्थानों के बाहर अनशन और विरोध प्रदर्शन करेगी. मुख्यधारा के राजनीतिक दलों ने आरोप लगाया है कि ‘‘गैर-स्थानीय लोगों को शामिल करना जम्मू-कश्मीर के लोगों को मताधिकार से वंचित करने की एक स्पष्ट चाल है.’’