नयी दिल्ली, 23 दिसंबर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने क्रिसमस के त्योहार से पहले सोमवार को ईसा मसीह की शिक्षाओं को रेखांकित करते हुए देशवासियों से भाईचारे की भावना को मजबूत करने का आह्वान किया और कहा कि जब हिंसा फैलाने तथा समाज में व्यवधान पैदा करने के प्रयास होते हैं तो इससे उनके दिल को पीड़ा होती है।
राजधानी दिल्ली स्थित सीबीसीआई सेंटर परिसर में कैथोलिक बिशप्स कांफ्रेंस ऑफ इंडिया (सीबीसीआई) की ओर से आयोजित क्रिसमस समारोह में भाग लेने के बाद प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में ऐसी चुनौतियों से लड़ने के लिए एक साथ आने की बात भी कही।
उन्होंने यह भी कहा कि देश के भविष्य के लिए हर किसी को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘प्रभु ईसा मसीह की शिक्षाएं प्रेम, सद्भाव और भाईचारे का जश्न मनाती हैं। यह महत्वपूर्ण है कि हम सभी इस भावना को मजबूत बनाने के लिए काम करें।’’
जर्मनी के क्रिसमस बाजार की एक हालिया घटना का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘ यह मेरे दिल को पीड़ा देता है जब हिंसा फैलाने और समाज में व्यवधान पैदा करने के प्रयास होते हैं।’’
मोदी ने कहा कि यह आवश्यक है कि ‘‘हम ऐसी चुनौतियों से लड़ने के लिए एक साथ आएं!’’
जर्मनी में कुछ दिन पूर्व ही एक बड़ी घटना देखने को मिली थी जब वहां के मैगडेबर्ग में एक कार क्रिसमस बाजार में घुस गई और लोगों को कुचल दिया। इस हादसे में बच्चों सहित 11 लोगों की मौत हो गई है। वहीं 60 से ज्यादा लोग घायल हो गए।
प्रधानमंत्री मोदी ने विश्वास जताया कि सबके सामूहिक प्रयास से हम हमारे देश को आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा कि विकसित भारत सभी का लक्ष्य है और हमें इसे मिलकर पाना है।
उन्होंने कहा, ‘‘ये आने वाली पीढ़ियों के प्रति हमारा दायित्व है कि हम उन्हें एक उज्ज्वल भारत देकर जाएं।’’
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कार्निडनल जॉर्ज कुवाकाड को पोप फ्रांसिस द्वारा कार्निडनल की उपाधि से सम्मानित किए जाने का भी जिक्र किया और कहा जब भारत का कोई बेटा सफलता की इस ऊंचाई पर पहुंचता है, तो पूरे देश को गर्व होना स्वाभाविक है।
उन्होंने कहा कि इस आयोजन में भारत सरकार ने केंद्रीय मंत्री जॉर्ज कुरियन के नेतृत्व में आधिकारिक रूप से एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भेजा था।
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि भारत की संतान, दुनिया में कहीं भी हो और किसी भी विपत्ति में हो तो आज का भारत, उन्हें हर संकट से बचाकर लाता है और ऐसा करना अपना कर्तव्य समझता है।
उन्होंने कहा कि आज भारत अपनी विदेश नीति में भी राष्ट्रीय हित के साथ-साथ मानवीय हित को प्राथमिकता देता है और कोरोना महामारी के समय पूरी दुनिया ने इसे देखा भी और महसूस भी किया।
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के मुताबिक यह पहली बार है जब देश के किसी प्रधानमंत्री ने भारत में कैथोलिक चर्च के मुख्यालय में इस तरह के कार्यक्रम में हिस्सा लिया।
सीबीसीआई की स्थापना 1944 में हुई थी और ये संस्था पूरे भारत में सभी कैथोलिकों के साथ मिलकर काम करती है।
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