पटना, 23 दिसंबर पूर्व चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी ने बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) द्वारा हाल में आयोजित एक परीक्षा को रद्द करने की मांग का सोमवार को समर्थन किया।
जन सुराज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज भारती ने राज्य के मुख्य सचिव को तीन पन्नों का पत्र लिखकर "सभी केंद्रों पर नए सिरे से परीक्षा" कराने की मांग की है।
पत्र में भारती ने दावा किया कि जन सुराज विरोध प्रदर्शन स्थल का दौरा करने वाली तीन सदस्यीय टीम से प्राप्त फीडबैक के आधार पर यह मांग कर रही है।
तेरह दिसंबर को आयोजित संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा में प्रदेश की राजधानी पटना के एक परीक्षा केंद्र पर प्रश्नपत्र लीक होने की अफवाह फैल गई थी जिसके बाद सैकड़ों उम्मीदवारों ने अपना विरोध दर्ज कराने के लिए परीक्षा का बहिष्कार भी किया था।
हालांकि, बीपीएससी और स्थानीय प्रशासन ने दावा किया कि ऐसी अफवाह फैलाने वाले लोग "असामाजिक तत्व" थे और यह 900 से अधिक केंद्रों पर लगभग पांच लाख उम्मीदवारों द्वारा दी गई परीक्षा को "रद्द कराने की साजिश" का हिस्सा है।
हालांकि बीपीएससी ने बापू परीक्षा परिसर में परीक्षा देने वाले 5,000 से अधिक उम्मीदवारों के लिए फिर से परीक्षा आयोजित करने का आदेश दिया है।
छात्र परीक्षा को रद्द कराने की मांग को लेकर पटना के गर्दनीबाग में धरने पर बैठे हुए हैं।
प्रदर्शनकारियों का तर्क है कि परीक्षा रद्द करने का आदेश सभी के लिए होना चाहिए, क्योंकि केवल एक केंद्र के लिए फिर से परीक्षा "समान अवसर प्रदान किए जाने" के सिद्धांत के खिलाफ होगी।
विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने भी प्रदर्शनकारियों का समर्थन किया है।
इस बीच, पूर्णिया के निर्दलीय सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने भी धरना स्थल का दौरा किया और आंदोलन को अपना समर्थन देने की घोषणा की।
हालांकि, पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह ने बयान जारी कर विरोध प्रदर्शन को अनुचित ठहराते हुए दावा किया कि इससे कानून और व्यवस्था की समस्या पैदा हो रही है।
जिलाधिकारी ने कहा, "इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व गैर-परीक्षार्थी कर रहे हैं, जो राजनीतिक कारणों से वास्तविक उम्मीदवारों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं।"
उन्होंने कहा, "कुछ कोचिंग संस्थान भी इस विरोध प्रदर्शन के पीछे लग रहे हैं, जिसमें निराधार और भड़काऊ बयान दिए गए हैं, जिनका उद्देश्य कानून और व्यवस्था की समस्या पैदा करना है। सख्त कार्रवाई के लिए सभी की पहचान की जा रही है।"
जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि आज कुछ प्रदर्शनकारी गर्दनीबाग अस्पताल गए और दावा किया कि वे भूख हड़ताल पर हैं और बीमार पड़ गए हैं तथा उन्होंने ड्यूटी पर मौजूद कर्मचारियों के साथ मारपीट की।
उन्होंने कहा कि तीन अन्य को पीएमसीएच (बिहार का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल) में भर्ती कराया गया। वहां डॉक्टरों ने पुष्टि की है कि सभी की हालत स्थिर है।
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