विदेश की खबरें | युद्ध, अकाल, कृत्रिम बुद्धिमत्ता के इस दौर में अगले हफ्ते से शुरू होगी नोबेल पुरस्कारों की घोषणा
श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने

पुरस्कार के ऐलान के सप्ताह में संयोग से सात अक्टूबर की वह तिथि भी आएगी जो हमास की अगुवाई में इजराइल पर किये गये हमले की बरसी भी है। हमास के हमले के बाद से पूरे पश्चिम एशिया में रक्तपात और युद्ध की शुरुआत हो गई जो करीब सालभर से जारी है।

साहित्य और विज्ञान के लिए नोबेल पुरस्कार को छूट दी जा सकती है। लेकिन संघर्ष को समाप्त करने के प्रयासों को मान्यता देने वाला शांति पुरस्कार अगर दिया जाता है तो यह ‘अंतरराष्ट्रीय हिंसा’ के माहौल में दिया जाएगा।

‘स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट’ के निदेशक डैन स्मिथ ने कहा, ‘‘मैं दुनिया पर नजर डालता हूं तो बहुत अधिक संघर्ष, शत्रुता और टकराव देखता हूं। मुझे आश्चर्य होता है कि क्या यह वह वर्ष है जब नोबेल शांति पुरस्कार की घोषणा नहीं की जानी चाहिए।’’

पश्चिम एशिया में जारी घटनाओं के अतिरिक्त स्मिथ ने सूडान में युद्ध और अकाल के खतरे, यूक्रेन में चल रहे संघर्ष और अपने संस्थान की शोध रिपोर्ट का हवाला दिया जिससे पता चलता है कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से वैश्विक सैन्य खर्च सबसे तेज गति से बढ़ रहा है।

स्मिथ ने कहा, ‘‘ यह कुछ समूहों को दिया जा सकता है जो साहसपूर्ण प्रयास कर रहे हैं लेकिन हाशिए पर हैं। संभवत: इस साल का नोबेल शांति पुरस्कार रोककर इस तरफ ध्यान आकृष्ट करना ठीक रहेगा।’’

नोबेल पुरस्कार की घोषणा नहीं करना कोई नई बात नहीं है और इसे अब तक 19 बार निलंबित किया जा चुका है। आखिरी बार वर्ष 1972 में नोबेल पुरस्कार की घोषणा नहीं की गई थी।

हालांकि, ‘पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट ओस्लो’ के निदेशक हेनरिक उर्डल ने कहा, ‘‘ वर्ष 2024 में पुरस्कार नहीं देना एक भूल होगी क्योंकि यह पुरस्कार शांति के लिए अहम कार्यों को बढ़ावा देने और मान्यता देने के लिए तार्किक रूप से अधिक महत्वपूर्ण है।’’

पुरस्कार की घोषणाएं सोमवार को चिकित्सा पुरस्कार के साथ शुरू होंगी। इसके बाद के दिनों में भौतिकी, रसायन विज्ञान, साहित्य और शांति पुरस्कारों की घोषणा की जाती है।

शांति पुरस्कार की घोषणा शुक्रवार को ओस्लो में नॉर्वे की नोबेल समिति द्वारा की जाएगी, जबकि अन्य सभी की घोषणा स्टॉकहोम में ‘रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज’ द्वारा की जाएगी। अर्थशास्त्र में पुरस्कार की घोषणा अगले सप्ताह 14 अक्टूबर को की जाएगी।

नई तकनीक, संभवतः कृत्रिम बुद्धिमत्ता, को एक या अधिक श्रेणियों में मान्यता दी जा सकती है।

‘क्लेरिवेट इंस्टीट्यूट फॉर साइंटिफिक इंफॉर्मेशन’ में अनुसंधान विश्लेषण के प्रमुख डेविड पेंडलेबरी का कहना है कि एआई लैब ‘गूगल डीपमाइंड’ के वैज्ञानिकों के नाम पर रसायन विज्ञान के नोबेल पुरस्कार के लिए विचार किया जा सकता है।

एपी

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