पिथौरागढ़, 12 अक्टूबर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि पिछले पांच वर्षों में देश में साढ़े 13 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए।
यहां एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सुदूर पहाड़ों तथा देश के कोने—कोने में रहने वाले लोगों की भी उनकी सरकार ने चिंता की। उन्होंने कहा, 'सिर्फ पांच वर्षों में देश में 13.5 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए।'
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बात पर दुनिया अचरज कर रही है। उन्होंने कहा कि इनमें से बहुत से लोग आपकी तरह ही पहाड़ों में, सुदूर इलाकों में रहते हैं। उन्होंने कहा, 'ये साढ़े 13 करोड़ लोग इस बात का उदाहरण हैं कि भारत अपनी गरीबी मिटा सकता है।'
मोदी ने कहा कि पहले नारा दिया जाता था कि गरीबी हटाओ, मतलब आप हट जाओ। उन्होंने कहा, 'अब मोदी कह रहा है कि हम मिलकर गरीबी हटाकर रहेंगे। हम जिम्मेदारी लेते हैं।'
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज दुनिया में भारत का गौरवगान हो रहा है। उन्होंने कहा कि एक समय था जब देश में चारों तरफ निराशा का माहौल था और तब हर भारतीय सोचता था कि हजारों करोड़ के घोटालों से देश को मुक्ति मिले और दुनिया में भारत का यश बढ़े ।
उन्होंने कहा, 'चुनौतियों से घिरी दुनिया में भारत की आवाज कितनी बुलंद होती जा रही है। जी20 के शानदार आयोजन से हम भारतीयों का लोहा दुनिया ने माना है।'
मोदी ने इसका श्रेय लोगों को देते हुए कहा कि अपने वोट के जरिए 30 साल बाद केंद्र में एक स्थिर और मजबूत सरकार चुनकर उन्होंने यह किया है।
उन्होंने कहा, 'यह आपके वोट की ताकत है। जब मैं दुनिया के बड़े—बड़े लोगों से हाथ मिलाता हूं तो उनसे आंख भी मिलाता हूं। और जब वे मेरी ओर देखते हैं तो मुझे नहीं बल्कि 140 करोड़ हिंदुस्तानियों को देखते हैं।'
प्रधानमंत्री ने सीमावर्ती क्षेत्रों में हो रही सुविधाओं के तेजी से हो रहे विकास का जिक्र करते हुए कहा कि यह काम पहले की सरकारों ने क्यों नहीं किया। इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें डर था कि कहीं इसका फायदा उठाकर दुश्मन अंदर न आ जाए ।
उन्होंने कहा कि इसी डरी हुई सोच को पीछे छोड़कर भारत आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, 'न हम डरते हैं, न डराते हैं।'
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की सीमा पर हम आधुनिक सड़के, सुरंगे और पुल बना रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘सीमावर्ती क्षेत्रों में पिछले नौ वर्षों में 4200 किलोमीटर से ज्यादा लंबी सड़के बनाई गयीं, सीमा पर 250 बड़े पुल और 22 सुरंगे बनाईं। आज के कार्यक्रम में भी अनेक पुलों का शिलन्यास हुआ है।’’
उन्होंने कहा कि अब तो हम सीमावर्ती क्षेत्रों में रेलगाड़ियां तक लाने की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सीमांत गांवों को देश का अंतिम नहीं बल्कि पहला गांव मानकर उनका विकास किया जा रहा है।
इस संबंध में उन्होंने 'वाइब्रेंट विलेज' योजना का जिक्र किया और कहा कि सरकार का प्रयास है कि सीमांत गांवों से पलायन कर गए लोग वापस आएं ।
प्रधानमंत्री ने कहा कि माना जाता है कि पहाड़ का पानी और पहाड़ की जवानी पहाड़ के काम नहीं आती लेकिन उन्होंने कहा कि उन्होंने संकल्प लिया है कि इस अवधारणा को वह बदल देंगे ।
उन्होंने कहा कि अतीत की गलत नीतियों के कारण उत्तराखंड के गांव वीरान हो गए। लेकिन उन्होंने कहा कि अब स्थितियां बदल रही हैं और लोग वापस लौटने लगे हैं। उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार का प्रयास है कि गांव वापसी का काम तेजी से हो और इसके लिए बिजली परियोजनाओं, मोबाइल टावरों, स्कूल कॉलेजों और अस्पतालों पर बड़ा निवेश किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने सेब सहित फलों और सब्जियों के उत्पादन की अपार संभावनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि यहां बिजली, पानी और सड़कें पहुंचने से किसान भी प्रोत्साहित हो रहे हैं तथा सेब तथा अन्य योजनाओं पर 1100 करोड़ रू खर्च होने वाला है ।
उन्होंने कहा कि केदारखंड की तरह मानसखंड को भी उंचाई पर ले जाना है और वह इसीलिए यहां आए हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘यहां की कनेक्टिविटी पर बहुत बल दे रहे हैं। जो चारधाम यात्रा पर जाते हैं वे जागेश्वर धाम, आदि कैलाश और ओम पर्वत तक भी आसानी से आ सकें, यह प्रयास किया जा रहा है।’’
उन्होंने कहा कि मानस मंदिर माला मिशन शुरू हुआ है जिससे मंदिरों तक आना—जाना आसान होगा ।
मोदी ने कहा कि उनका अनुभव कहता है कि बदरीनाथ और केदारनाथ आने वाले लोग भविष्य में इस ओर भी आएंगे। उन्होंने कहा कि आज के उनके वीडियो देखकर लोग उधर आने वाले हैं।
उन्होंने कहा, 'आप तैयारी करो, यात्रियों की संख्या बढ़ने वाली है। मेरा मानसखंड धम—धम होने वाला है।'
उत्तराखंड में पर्यटन की संभावनाओं को अपार बताते हुए मोदी ने इस बात पर खुशी जाहिर की कि राज्य सरकार होम स्टे को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने कहा कि आज दुनिया भर से लोग भारत आना चाहते हैं और बिना उत्तराखंड को देखे उनका भारत को देखना पूरा नहीं होगा।
उत्तराखंड में आने वाली प्राकृतिक आपदाओं का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें उनसे निपटने की अपनी तैयारियों को बेहतर करते रहना होगा।
उन्होंने कहा कि इसके लिए आगामी चार—पांच सालों में उत्तराखंड में 4000 करोड़ रू खर्च किए जाएंगे। प्रदेश में ऐसी सुविधाओं का निर्माण किया जाएगा जिससे आपदा की स्थिति में बचाव और राहत का काम तेजी से हो।
उन्होंने कहा कि आजादी के अमृतकाल में बाबा केदार, बदरी विशाल और आदि कैलाश के आशीर्वाद से संकल्प सिद्धि तक पहुंचेंगे ।
उत्तराखंड के सामर्थ्य को अद्भुत और अतुलनीय बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले उन्हें बाबा केदार के चरणों में बैठकर विश्वास हुआ था कि यह दशक उत्तराखंड का है और आज आदि कैलाश के चरणों में बैठकर फिर विश्वास हुआ है कि उत्तराखंड विकास की नई उंचाई पर पहुंचेगा ।
उत्तराखंड से अपने जुड़ाव का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में अपनेपन की अनुभूति हमेशा उनके साथ रहती है और जनता भी उनके साथ अपनेपन के हक और आत्मीयता से जुड़ी रहती है । उन्होंने कहा कि प्रदेश के लोग उनके साथ हर अच्छी—बुरी बात चिटिठयों के जरिए उनके साथ उसी तरह साझा करते हैं जैसे वह पूरे उत्तराखंड परिवार के एक सदस्य हों ।
इससे पहले, मोदी ने लगभग 4200 करोड़ रू की विकास योजनाओं का शिलान्यास और उदघाटन किया। इन कुल 23 परियोजनाओं से प्रदेश में आधारभूत ढ़ांचे, शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पेयजल, खेल, पर्यटन, आपदा प्रबंधन और औद्योनिकी के क्षेत्रों में विकास को बढ़ावा मिलेगा ।
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