नयी दिल्ली, तीन फरवरी तृणमूल कांग्रेस ने सोमवार को किसानों की स्थिति, बेरोजगारी, महंगाई और महिलाओं के खिलाफ अपराध के बढ़ते मामलों सहित कई अन्य मुद्दों को उठाते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में इन मुद्दों का कोई उल्लेख नहीं है।
राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाये गये धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओब्रायन ने 1958 में ऑस्कर के लिए नामित पहली भारतीय फिल्म ‘मदर इंडिया’ से लेकर कई अन्य फिल्मों में उठाए गए मुद्दों का हवाला देते हुए सरकार को घेरने की कोशिश की।
उन्होंने कहा कि पिछले पांच सालों से कृषि मजदूरी में सिर्फ 0.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जबकि हर पांच में दो किसान कर्ज में है।
उन्होंने कहा कि हर किसान पर औसतन 75 हजार रुपये का कर्ज है जबकि प्रत्येक दिन 30 किसान आत्महत्या कर लेता है लेकिन इसके बावजूद सरकार उन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) नहीं दे रही हैं
ओब्रायन ने कहा कि हर 10 में आठ युवा बेराजगार है। उन्होंने सरकार पर चुटकी लेते हुए कहा कि वह इसके लिए भी नेहरू को जिम्मेदवार ठहरा सकती है।
महिलाओं के खिलाफ हिंसा से जुड़े आंकड़ों को पेश करते हुए तृणमूल सदस्य ने कहा कि सरकार सिर्फ विज्ञापनों पर ही खर्च कर रही है जबकि जमीनी हकीकत इससे अलग है। अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा के मामलों का उल्लेख करते हुए कहा कि सरकार के एजेंडे में सिर्फ घृणा फैलाना ही है। उन्होंने कहा कि इसी के तहत सरकार वक्फ संशोधन विधेयक लेकर आई है।
ओब्रायन ने कहा कि देश में 34 हजार से अधिक ऐसे शैक्षणिक संस्थान हैं जिनका संचालन ईसाई अल्पसंख्यक समूहों द्वारा किया जाता है और इनमें पढ़ने वाले सौ बच्चों में 70 हिन्दू, मुस्लिम, सिख, बौद्ध और जैन समुदाय के बच्चे हैं जो सच्चे भारत की झलक प्रस्तुत करती है।
उन्होंने आय में असमानता का मुद्दा भी उठाया और कहा कि अमीर और अमीर होते जा रहे हैं जबकि गरीब और गरीब हो रहे हैं।
उन्होंने स्वास्थ्य के मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए कहा कि वह स्वास्थ्य संबंधी बीमा पर भी 18 प्रतिशत जीएसटी लगाती है। उन्होंने सरकार से इसे तत्काल वापस लेने की मांग की।
उन्होंने सरकार पर प्रयागराज महाकुंभ हादसे में लोगों की मौत से जुड़े आंकड़ों को छुपाने का आरोप लगाया और दावा किया कि मीडिया के सहयोग से वह इस पर लीपापोती नहीं कर सकती।
ओब्रायन ने कहा कि राष्ट्रपति के अभिषाषण में महंगाई, स्मार्ट सिटी, महिलाओं के खिलाफ अपराध, बच्चों में कुपोषण, सहकारी संघवाद, किसानों की आय दोगुनी करने की बात, मनरेगा, आय में असमानता, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ और मणिपुर का कोई उल्लेख नहीं है।
तृणमूल सदस्य ने आरोप लगाया कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो, प्रवर्तन निदेशालय सहित अन्य केंद्रीय एजेंसियों को एक राजनीतिक दल का शाखा कार्यालय बना दिया गया है।
उन्होंने कहा कि सीबीआई और इडी के 95 प्रतिशत मामले विपक्षी नेताओं के खिलाफ हैं और जो भाजपा में शामिल हो जाता है, उसे राहत दे दी जाती है।
ब्रजेन्द्र
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