MP में बसपा, सपा और एक निर्दलीय सहित तीन विधायक भाजपा में शामिल हुए
मध्य प्रदेश में अन्य दलों और निर्दलीय मिलाकर कुल तीन विधायकों के मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने के बाद सत्तारूढ़ दल ने अगले महीने होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए प्रदेश विधानसभा में अपनी संख्या और मजबूत कर ली है.
भोपाल, 14 जून : मध्य प्रदेश में अन्य दलों और निर्दलीय मिलाकर कुल तीन विधायकों के मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने के बाद सत्तारूढ़ दल ने अगले महीने होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए प्रदेश विधानसभा में अपनी संख्या और मजबूत कर ली है. मध्य प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने पत्रकारों से कहा कि बसपा के संजीव सिंह कुशवाह (भिंड से विधायक), समाजवादी पार्टी के राजेश कुमार शुक्ला (बिजावर सीट से) और निर्दलीय विधायक विक्रम सिंह राणा (सुसनेर से) भाजपा में शामिल हो गए.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और शर्मा ने विधायकों का भाजपा में स्वागत किया. इन तीन विधायकों के शामिल होने के साथ ही 230 सदस्यीय राज्य विधानसभा में भाजपा विधायकों की संख्या 130 हो गई है जबकि विपक्षी दल कांग्रेस के पास 96 विधायक हैं. इसके अलावा बसपा के पास एक और तीन निर्दलीय विधायक हैं. अब, मध्य प्रदेश में समाजवादी पार्टी का कोई विधायक नहीं है. पार्टी सूत्रों ने कहा कि 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में भाजपा का कुल वोट मूल्य इन तीन विधायकों के पार्टी में शामिल होने से बढ़ेगा. इसके साथ ही प्रदेश में चल रहे पंचायत और स्थानीय निकाय चुनावों में भी पार्टी की संभावनाएं मजबूत होंगी.
तीन विधायकों को शामिल किए जाने के बाद प्रदेश भाजपा कार्यालय में शर्मा ने कहा कि तीनों विधायकों ने प्रदेश में मुख्यमंत्री चौहान और राष्ट्रीय स्तर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के नेतृत्व से प्रभावित होकर भाजपा में शामिल होने का फैसला किया है. शर्मा ने कहा कि ये तीनों विधायक बहुत लोकप्रिय हैं और अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में समर्पण के साथ काम करते हैं. इस मौके पर चौहान ने कहा कि 2018 के विधानसभा चुनावों के बाद भाजपा को 109 सीटें मिलीं लेकिन यह बहुमत (116 से) कम थीं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पास भी ‘‘जादुई आंकड़ा’’ नहीं था. यह भी पढ़ें : उपराज्यपाल सक्सेना ने दिल्ली में विशेष स्वच्छता अभियान शुरू किया
चौहान ने इस मौके पर खुलासा करते हुए कहा, ‘‘इन दोस्तों ने उस समय भी भाजपा से संपर्क किया था लेकिन मैंने कहा था कि हमारे पास आवश्यक संख्या नहीं है इसलिए हमें सरकार नहीं बनानी चाहिए. वे (जिन्होंने समर्थन की पेशकश की थी) भी निराश थे.’’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘एक शासन (कांग्रेस के नेतृत्व में) सत्ता में आया, लेकिन यह सिर्फ 15 महीने तक चला. ये तीनों दोस्त विधानसभा और राज्यसभा चुनाव के दौरान भी भाजपा के साथ थे और लगातार भाजपा के संपर्क में थे, लेकिन अब वे हमारे साथ हैं और मैं खुश हूं तथा पार्टी में उनका स्वागत करता हूं.’’