देश की खबरें | मध्यप्रदेश में एक व्यक्ति की चोटी काटने पर दो पुलिसकर्मियों को मैदानी ड्यूटी से हटाया गया

मऊगंज (मप्र), 17 सितंबर मध्यप्रदेश के मऊगंज जिले में एक प्रदर्शनकारी का शिखा (सिर पर बालों की चोटी) काटने और जनेऊ तोड़ने के आरोप में दो पुलिसकर्मियों को मैदानी ड्यूटी से हटा दिया गया है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि कथित घटना छह सितंबर को हुई जब पुलिसकर्मियों ने शिकायतकर्ता नरेंद्र मिश्रा को राजमार्ग से हटा दिया। मिश्रा वहां ग्रामीणों के एक समूह के साथ विरोध प्रदर्शन कर रहा था।

ग्रामीण एक निवासी की शराब ठेकेदार के वाहन की चपेट में आकर हुई मौत के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। आरोप है कि इस वाहन से इस व्यक्ति को से कुचल दिया गया।

अधिकारी ने बताया कि शिकायतकर्ता को राजमार्ग अवरुद्ध करने के लिए गिरफ्तार किया गया था।

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) अनुराग पांडे ने कहा, "शाहपुर थाना प्रभारी बी सी विश्वास और आरक्षक विवेकानंद यादव को पुलिस द्वारा उनके खिलाफ शिकायत मिलने के बाद निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए मैदानी ड्यूटी से हटा दिया गया है।"

उन्होंने कहा कि प्रारंभिक जांच में मिश्रा के आरोपों के पक्ष में कोई सबूत नहीं मिला।

मिश्रा ने शिकायत में कहा है कि आरक्षक यादव और दो लोगों ने थाना प्रभारी बी सी विश्वास के इशारे पर उनकी शिखा काट दी, जनेऊ तोड़ दिया और मारपीट की। मिश्रा का आरोप है कि उसे धमकी दी गई कि अगर उसने शिकायत दर्ज कराई तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।

इस बीच, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मुख्यमंत्री मोहन यादव से इस घटना में शामिल पुलिसकर्मियों को निलंबित करने की अपील की।

​​पटवारी ने सोमवार को पोस्ट किया, "भाजपा सरकार ने मध्यप्रदेश पुलिस विभाग में पुलिसवालों की भर्ती की है या गुंडों की? शाहपुर में ब्राह्मण युवक नरेंद्र मिश्र, जिसने शराब माफिया के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई, पर पुलिस ने बर्बरता से हमला किया, जिसके बाद इन वर्दीवाले गुंडों ने ब्राह्मण भाई की चोटी उखाड़ी, जो न केवल अमानवीय कृत्य है, बल्कि हिंदू परंपराओं का भी अपमान है। आख़िर कब तक मेरे प्रदेश में माफिया सरकार का जंगलराज बना रहेगा? मुख्यमंत्री जी को तुरंत ऐसे पुलिस अधिकारियों को निलंबित करके क़ानूनी कार्रवाई करना चाहिए, अन्यथा थाने में बैठकर पूरी कांग्रेस पार्टी के साथ मैं ख़ुद प्राथमिकी लिखवाऊँगा।"

दिमो

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