देहरादून, 11 फरवरी उत्तराखंड क्रिकेट संघ (सीएयू) ने पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज वसीम जाफर के कोच रहते जैविक रूप से सुरक्षित माहौल (बायो बबल) के कथित उल्लंघन के मुद्दे पर सीनियर टीम के मैनेजर से रिपोर्ट मांगी है।
सीएयू के साथ विवाद के बाद जाफर ने मंगलवार को इस्तीफा दे दिया था।
जाफर ने बुधवार को इन आरोपों से इनकार किया था कि वह धर्म आधार पर चयन का समर्थन करते हैं और जैविक रूप से सुरक्षित माहौल के दौरान ड्रेसिंग रूम में धर्मगुरुओं को लेकर आए। ये आरोप सीएयू के सचिव माहिम वर्मा ने लगाए।
वर्मा ने सीएयू की विज्ञप्ति में कहा, ‘‘उत्तराखंड क्रिकेट संघ (सीएयू) वसीम जाफर से जुड़ी घटना की गंभीरता का संज्ञान लिया है और अपनी सीनियर टीम के मैनेजर नवनीत मिश्रा को इस मामले में विस्तृत रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है।’’
जाफर ने स्पष्ट किया कि वह जय बिस्टा को कप्तान बनाना चाहते थे और भारत की अंडर-19 विश्व कप टीम के विजेता इकबाल अब्दुल्ला को नहीं जैसा कि आरोप लगाया गया है। उन्होंने साथ ही कहा कि अब्दुल्ला के जोर देने पर जुमे की नमाज में मदद के लिए मौलवी ड्रेसिंग रूम में आए थे।
वर्मा ने कहा, ‘‘मिश्रा के विस्तृत रिपोर्ट सौंपने के बाद ही हम भविष्य की कार्रवाई पर फैसला करेंगे। हम पहले ही मैनेजर से जैविक रूप से सुरक्षित माहौल के उल्लंघन पर पूछताछ कर रहे हैं और उल्लंघन के लिए दोषी किसी भी व्यक्ति/सहायक स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई करेंगे क्योंकि खिलाड़ियों के स्वास्थ्य की सुरक्षा हमारे लिए सर्वोपरि है। ’’
जाफर को इससे पहले पूर्व भारतीय कप्तान और कोच अनिल कुंबले जैसे पूर्व खिलाड़ियों सोशल मीडिया पर समर्थन मिला।
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