विदेश की खबरें | इमरान की पार्टी ने अदालत में याचिका दायर कर हिरासत में लिए गए नेताओं की रिहाई का अनुरोध किया
श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने

लाहौर/पेशावर, 23 फरवरी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई)नेताओं को बदनाम खुफिया एजेंसियों द्वारा अज्ञात स्थान पर ले जाकर यातना देने की आशंका से भयभीत पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी ने बृहस्पतिवार को एक याचिका दायर कर उन नेताओं को रिहा करने का अनुरोध किया है जिन्हें एक दिन पहले ‘जेल भरो ’ आंदोलन के तहत हिरासत में लिया गया था।

पंजाब की अंतरिम सरकार ने बृहस्पतिवार को पुष्टि की कि पुलिस ने पूर्व संघीय मंत्री शाह महमूद कुरैशी, असद उमर और हम्माद अजहर, सीनेटर आजम स्वाती और वलीद इकबाल (मशहूर उर्दू शायर अलमा इकबाल के पोते) और पंजाब के पूर्व गवर्नर उमर सरफराज चीमा सहित 81 पीटीआई कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है। हालांकि, पीटीआई का दावा है कि पुलिस ने लाहौर में उसके 250 कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया है।

शुरुआत में गिरफ्तार पीटीआई समर्थकों को कोट लखपत जेल में भेजा गया था लेकिन बाद में उसके नेताओं को ‘अज्ञात स्थान’ पर स्थानांतरित कर दिया गया।

उसके बाद से न तो सरकार ने और न ही पंजाब पुलिस ने बताया है कि नेताओं को हिरासत में लेकर कहा रखा गया है। गिरफ्तार नेताओं की सुरक्षित रिहाई /वापसी के लिए पार्टी और नेताओं के परिवार ने बृहस्पतिवार को लाहौर उच्च न्यायालय में याचिका दायर की।

पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के बेटे जैन कुरैशी ने कहा कि न तो उनके पिता को और न ही अन्य नेताओं को बृहस्पतिवार को अदालत के समक्ष पेश किया गया और न ही पंजाब सरकार व पुलिस बता रही है कि उन्हें किस जेल में रखा गया है।

याचिकाकर्ताओं ने कहा कि पीटीआई नेताओं की जान को सरकार और पुलिस से खतरा है।

उन्होंने कहा, ‘‘अगर नेताओं को गैर कानूनी और अवैध हिरासत से रिहा नहीं किया गया तो उनको व्यापक क्षति होने का खतरा है।’’ याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया कि पीटीआई नेताओं को झूठे और ओछे आरोपों में आरोपी बनाया गया है ताकि उनको अधिकतम नुकसान हो।

इससे पहले वरिष्ठ सीनेटर आजम स्वाती ने आरोप लगाया था कि आईएसआई (पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी) के अधिकारियों ने पुलिस हिरासत के दौरान उन्हें यातना दी थी। पीटीआई को डर है कि उसी तरह का व्यवहार हिरासत में लिए गए अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ हो सकता है।

गौरतलब है कि इमरान खान ने कथित मूल अधिकारों के उल्लंघन, संविधान का उल्लंघन और आर्थिक संकट के खिलाफ बुधवार को लाहौर में बड़े पैमाने पर ‘जेल भरो’ आंदोलन शुरू किया था।

पार्टी के मुताबिक प्रत्येक दिन पीटीआई के कुछ सौ कार्यकर्ता और नेता अलग-अलग शहरों में अपनी गिरफ्तारी देंगे।

पीटीआई के कार्यकर्ता और नेता बृहस्पतिवार को पेशावर में गिरफ्तारी देने के लिए उपस्थित हुए। पार्टी ने कहा कि जबतक पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा में चुनाव की तारीख की घोषणा नहीं हो जाती ‘जेल भरो’ आंदोलन जारी रहेगा।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)