Jharkhand: झारखंड में शिक्षा का स्तर सुधारने में इसाई मिशनरीज का महत्वपूर्ण योगदान- मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य में शिक्षा के क्षेत्र में इसाई मिशनरीज के योगदान को रेखांकित करते हुए बुधवार को कहा कि राज्य में शिक्षा के स्तर को देखा जाए तो 50 प्रतिशत से अधिक योगदान मिशन का रहा है.
रांची, 18 नवंबर : झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने राज्य में शिक्षा के क्षेत्र में इसाई मिशनरीज के योगदान को रेखांकित करते हुए बुधवार को कहा कि राज्य में शिक्षा के स्तर को देखा जाए तो 50 प्रतिशत से अधिक योगदान मिशन का रहा है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आज यहां गोस्सनर कॉलेज के स्वर्ण जयंती समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में अपने संबोधन में यह बात कही. उन्होंने कहा, ‘‘मिशन स्कूल और कॉलेज में अनुशासन और सम्मान के साथ शिक्षा दी जा रही है.’’
उन्होंने कहा कि राज्य में शिक्षा के क्षेत्र में इसाई मिशनरीज का महत्वपूर्ण योगदान है. उन्होंने कहा, ‘‘मिशन का संक्रमण काल में आदिवासी, पिछड़ों, अल्पसंख्यक समेत अन्य के लिए सराहनीय सहयोग रहा. आज गोस्सनर कॉलेज ने अपने 50 स्वर्णिम वर्ष पूर्ण कर लिए हैं, इसके लिए सभी छात्रों और शिक्षकों को शुभकामनाएं.’’ सोरेन ने कहा, ‘‘यहां दी जा रही अच्छी शिक्षा का परिणाम है कि कॉलेज में 27 विभाग हैं जिनमें हजारों छात्र पढ़ाई कर रहें हैं. बच्चों को तराशने में शिक्षक बड़ी भूमिका निभा रहें हैं.’’ यह भी पढ़ें : शादी के मंडप में युवती से कथित दुष्कर्म के बाद हत्या, बाथरूम से आपत्तिजन स्थित में मिला शव, मौसेरा भाई निकला मुख्य आरोपी
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड का पिछड़ापन सिर्फ शिक्षा के अभाव के चलते है और राज्य उसी का दंश झेल रहा है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए राज्य में बेहतर शिक्षा हेतु सरकार की ओर से ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में महत्वपूर्ण कदम उठाये गये हैं. एकीकृत बिहार के समय एक नवंबर 1971 से अल्पसंख्यक समाज को शिक्षित करने के उद्देश्य से गोस्सनर कॉलेज की शुरुआत की गयी थी. इस कॉलेज में अब 28 विभागों में 200 से ज्यादा कर्मचारी और 13,000 विद्यार्थी हैं.