मुंबई, 18 अगस्त केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बृहस्पतिवार को वाहनों के लिए वैकल्पिक ईंधन के उपयोग पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि कच्चे तेल के आयात में कमी और साथ ही प्रदूषण में कटौती के लिए इन वाहनों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।
गडकरी ने कहा कि देश में 35 प्रतिशत प्रदूषण डीजल और पेट्रोल के कारण होता है, इसलिए हमें आयात मुक्त, लागत प्रभावी, प्रदूषण रहित और स्वदेशी उत्पादों की जरूरत है।
देश की पहली इलेक्ट्रिक डबल-डेकर वातानुकूलित बस को उतारे जाने के मौके पर सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने कहा कि डीजल वाहनों की तुलना में इलेक्ट्रिक वाहन बहुत अधिक लागत प्रभावी है।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत में कच्चे तेल का आयात एक बड़ी चुनौती है। जिस तरह से दरें बढ़ाई जा रही हैं, हम इस चुनौती का पहले ही अनुभव कर रहे हैं। आम आदमी के लिए भी यह बहुत मुश्किल है।’’
गडकरी ने कहा कि वाहन क्षेत्र के लिए बिजली, एथनॉल, मेथनॉल, बायो-डीजल, बायो-सीएनजी, बायो-एलएनजी और हाइड्रोजन जैसे वैकल्पिक ईंधन का इस्तेमाल शुरू करने का समय आ गया है।
उन्होंने कहा कि भारतीय वाहन उद्योग का मौजूदा आकार 7.5 लाख करोड़ रुपये है और इसमें केंद्र तथा राज्य सरकारों को अधिकतम कर देने के साथ ही अधिकतम रोजगार देने की क्षमता है।
उन्होंने कहा, ‘‘मेरा सपना 2024 के अंत तक इस उद्योग को 15 लाख करोड़ रुपये का बनाना है और यह संभव है।’’
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