नयी दिल्ली, दो दिसंबर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तीन नए आपराधिक कानूनों- भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम के सफल कार्यान्वयन के उपलक्ष्य में मंगलवार को चंडीगढ़ में आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लेंगे।
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने सोमवार को एक बयान में यह जानकारी दी।
पीएमओ ने कहा कि तीनों कानूनों की अवधारणा औपनिवेशिक युग के कानूनों को हटाने के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण से प्रेरित थी, जो स्वतंत्रता के बाद भी मौजूद थे।
बयान में कहा गया है कि इन नए कानूनों के जरिए न्याय पर ध्यान केंद्रित कर न्यायिक प्रणाली को बदलने के लिए पहल की गई है।
पीएमओ ने कहा कि इसे ध्यान में रखते हुए इस कार्यक्रम का विषय 'सुरक्षित समाज, विकसित भारत- सजा से न्याय तक' है।
ज्ञात हो कि एक जुलाई, 2024 को देशभर में नए आपराधिक कानूनों को लागू किया गया था। इसका उद्देश्य भारत की कानूनी प्रणाली को समकालीन समाज की आवश्यकताओं के मद्देनजर अधिक पारदर्शी, कुशल और अनुकूल बनाना था।
पीएमओ ने कहा, "ये ऐतिहासिक सुधार भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली में व्यापक बदलाव को चिह्नित करते हैं, जो साइबर अपराध, संगठित अपराध जैसी आधुनिक चुनौतियों से निपटने और विभिन्न अपराधों के पीड़ितों के लिए न्याय सुनिश्चित करने के लिए नया ढांचा तैयार करते हैं।"
बयान में कहा गया है कि यह कार्यक्रम इन कानूनों के व्यावहारिक अनुप्रयोग को प्रदर्शित करेगा और साथ ही यह दर्शाएगा कि वे आपराधिक न्याय परिदृश्य को कैसे नया आकार दे रहे हैं।
इस दौरान एक प्रस्तुति भी दी जाएगी, जिसमें नए कानूनों के मुताबिक एक आपराधिक मामले की जांच का प्रदर्शन होगा।
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