मुंबई, चार जनवरी मुंबई की महापौर किशोरी पेडनेकर ने मंगलवार को कहा कि अगर यहां कोविड-19 के दैनिक मामले 20,000 का आंकड़ा पार करते हैं तो केंद्र सरकार के नियमों के अनुसार शहर में लॉकडाउन लगाया जाएगा।
बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) मुख्यालय में अपने कार्यालय में पत्रकारों से बात करते हुए पेडनेकर ने सुझाव दिया कि नागरिक सार्वजनिक बसों और लोकल ट्रेनों में यात्रा करते समय लोग तीन परतों वाला मास्क पहनें। उन्होंने लोगों से जल्द से जल्द टीका लगवाने और कोविड-19 संबंधित सभी मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) का पालन करने की भी अपील की। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे एक-दो दिनों में नागरिकों को संबोधित कर सकते हैं।
एक सवाल के जवाब में पेडनेकर ने कहा कि बीएमसी एक क्रूज जहाज से गोवा से लौटने वाले लोगों का आरटी-पीसीआर परीक्षण करेगी और उन्हें पृथकवास में नागरिक केंद्रों में या अगर वे इसके लिए भुगतान करने के लिए तैयार हों, तो होटलों में रखा जाएगा।
नौवहन कंपनी के एक अधिकारी ने कहा कि क्रूज जहाज पर सवार 2000 से अधिक लोगों में से 66 के कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद सभी यात्रियों को सोमवार देर रात गोवा से मुंबई वापस भेज दिया गया था। उन्होंने कहा कि कुछ संक्रमित यात्रियों के वहां एक चिकित्सा सुविधा केंद्र में भर्ती होने से इनकार करने के बाद यह कदम उठाया गया।
महापौर ने कहा कि बीएमसी आयुक्त इकबाल सिंह चहल स्थिति पर कड़ी नजर रख रहे हैं, और उन्होंने पहले ही संकेत दिया है, कि अगर शहर में कोविड-19 के मामले 20,000 से अधिक हो जाते हैं तब लॉकडाउन लगेगा।
पेडनेकर ने कहा, “आज कोई भी लॉकडाउन नहीं चाहता है और इसे निश्चित रूप से लागू नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि अभी हर कोई इससे उबर रहा है। अगर लॉकडाउन फिर से लागू किया जाता है तो यह सभी को बुरी तरह प्रभावित करेगा। लेकिन अगर कोविड-19 के दैनिक मामले 20,000 के आंकड़े को पार करते हैं तो केंद्र सरकार के नियमों के अनुसार नगर निकाय और राज्य सरकार द्वारा लॉकडाउन लगाया जाएगा।’’
उन्होंने नागरिकों से अपील की कि वे कोविड-19 अनुकूल व्यवहार का पालन करें, बाजारों, मॉल और विवाह समारोहों में भीड़भाड़ से बचें और ठीक से मास्क पहनें।
महापौर ने लोगों से नियमों के अनुसार विवाह समारोह आयोजित करने और यह सुनिश्चित करने की भी अपील की कि इस तरह के आयोजन कोविड-19 के ‘सुपर-स्प्रेडर’ (बड़े पैमाने पर प्रसार) की वजह न बनें।
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