बेंगलुरु, 21 अगस्त केंद्रीय मंत्री एच. डी. कुमारस्वामी ने बुधवार को कहा कि मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने अपने खिलाफ आरोपों के मामले में इस्तीफा नहीं दिया है लेकिन यदि जरूरत पड़ी तो वह स्वेच्छा से इस्तीफा दे देंगे।
सिद्धरमैया ने मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण भूमि आवंटन ‘घोटाले’ में जांच और अपने खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए राज्यपाल थावरचंद गहलोत द्वारा दी गई अनुमति को गलत बताया था।
मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया था कि राज्यपाल, कुमारस्वामी के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति नहीं दे रहे हैं। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए जनता दल सेक्युलर नेता कुमारस्वामी ने सवाल किया कि श्री साईं वेंकटेश्वर मिनरल्स से संबंधित कथित घोटाले के सिलसिले में सिद्धरमैया को उनके खिलाफ शीर्ष अदालत जाने से कौन रोक रहा है।
लोकायुक्त के विशेष जांच दल (एसआईटी) ने सोमवार को एक बार फिर राज्यपाल को प्रस्ताव सौंपकर कथित अवैध खनन पट्टा मामले में कुमारस्वामी के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल करने की अनुमति मांगी।
एसआईटी ने पहली बार पिछले साल नवंबर में केंद्रीय भारी उद्योग एवं इस्पात मंत्री के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए गहलोत की अनुमति मांगी थी। उन पर 2007 में मुख्यमंत्री रहते हुए कानून का उल्लंघन करते हुए कथित तौर पर निजी कंपनी को खनन पट्टा प्रदान करने का आरोप है।
मुख्यमंत्री ने बुधवार को दोहराया कि राज्यपाल ने जल्दबाजी में उनके खिलाफ जांच और अभियोजन की मंजूरी दी।
राज्यपाल पर उनके साथ भेदभाव करने का आरोप लगाते हुए सिद्धरमैया ने कहा कि कुमारस्वामी के खिलाफ मुकदमा चलाने की लोकायुक्त की सिफारिश नवंबर 2023 से गहलोत के पास लंबित है।
केंद्रीय भारी उद्योग एवं इस्पात मंत्री कुमारस्वामी ने कहा कि उन्होंने विराजपेट के विधायक और मुख्यमंत्री के कानूनी सलाहकार ए एस पोन्नन्ना तथा कुछ अन्य मंत्रियों के बयान देखे हैं जिनमें उनसे इस्तीफे की मांग की गई है।
उन्होंने कहा, ‘‘आप (सिद्धरमैया) इस्तीफा नहीं दे रहे लेकिन इसके विपरीत अगर जरूरत पड़ी तो मैं स्वेच्छा से इस्तीफा दे दूंगा। आपको राज्यपाल द्वारा मुकदमा चलाने की अनुमति देने में गलती नजर आती है और आपने राज्यपाल के बारे में अपमानजनक तरीके से टिप्पणी की। कर्नाटक के मंत्रियों को राज्यपाल के खिलाफ ऐसे शब्दों का इस्तेमाल करने पर शर्म आनी चाहिए।’’
कुमारस्वामी ने कहा, ‘‘क्या आपको नहीं लगता कि मैं 2018 में मुख्यमंत्री रहते हुए अपने खिलाफ मामले बंद कर सकता था?’’उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ कांग्रेस उनके खिलाफ एक और मामला दर्ज कर रही है, लेकिन वह इससे डरते नहीं हैं।
केंद्रीय मंत्री ने दावा किया कि उनके खिलाफ लोकायुक्त की रिपोर्ट पिछले साल नवंबर में राज्यपाल को अभियोजन की अनुमति मांगने के लिए तब भेजी गई जब उन्होंने कांग्रेस सरकार पर कई मुद्दों, विशेषकर भ्रष्टाचार को लेकर हमला करना शुरू किया।
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