छत्रपति संभाजीनगर, 12 अक्टूबर महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा की नेता पंकजा मुंडे शनिवार को दलित और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समुदाय के लोगों के बीच पहुंचीं और उन्हें परेशानी होने पर संज्ञान लेने का वादा किया।
मुंडे मराठा कार्यकर्ता मनोज जरांगे के नेतृत्व में हुए आंदोलन का केंद्र रहे छत्रपति संभाजीनगर के सावरगांव घाट पर वार्षिक दशहरा रैली को संबोधित कर रही थीं। मुंडे को इस साल हुए लोकसभा चुनाव में अपने गढ़ बीड़ जिले में हार का सामना करना पड़ा था।
सावरगांव घाट मुंडे के वंजारी समुदाय के संत भगवानबाबा का जन्मस्थान है।
राज्य के कृषि मंत्री और मुंडे के चचेरे भाई धनंजय मुंडे और ओबीसी आरक्षण को कमजोर करने की संभावना का विरोध करते हुए प्रदर्शन करने वाले लक्ष्मण हेक ने भी रैली को संबोधित किया।
मुंडे ने समाज में बढ़ते जातिगत अलगाव पर चिंता व्यक्त की।
उन्होंने कहा, "अगर कोई वाहन किसी को टक्कर मार देता है, तो लोग वाहन चालक की जाति पूछते हैं। लोग उस व्यक्ति की जाति जानना चाहते हैं जिसने एक छोटी बच्ची के साथ क्रूरता की और उसे मार डाला। हम ऐसा समाज नहीं चाहते।"
भाजपा की राष्ट्रीय सचिव ने चेतावनी दी कि यदि राज्य में गरीब, दलित, ओबीसी और अन्य लोग परेशान होंगे तो वह इसका संज्ञान लेंगी।
मुंडे ने कहा कि उन्हें अपने पिता और भाजपा के दिवंगत नेता गोपीनाथ मुंडे की विरासत मिली है। उन्होंने चुनावी असफलता के बावजूद उन्हें सम्मान देने के लिए लोगों का आभार व्यक्त किया।
उन्होंने कहा, "मुझे जो सम्मान मिला है, उसका बदला चुकाने के लिए मैं राज्य का दौरा करूंगी। गरीब लोग प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में अपना विश्वास बनाए रखते हुए अच्छे दिनों का इंतजार कर रहे हैं। अब हमें अपनी रणनीति का खुलासा करना चाहिए।"
उन्होंने चीनी उद्योग से जुड़े अपने क्षेत्र के मजदूरों से भी अपील की कि वे वोट डालने से पहले काम पर न जाएं। महाराष्ट्र में गन्ना कटाई का मौसम अक्टूबर में शुरू होता है।
महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनाव नवंबर में होने की संभावना है।
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