जरुरी जानकारी | आईसीएआर ने कहा कि ‘रहस्यमय बीज’ पार्सल पर वैश्विक अनुसंधान निकायों से जानकारी ली जा रही है

नयी दिल्ली, 10 अगस्त सरकार के कृषि अनुसंधान संस्थान आईसीएआर ने सोमवार को कहा कि उसने अमेरिका जैसे कुछ देशों के अज्ञात स्रोतों से प्राप्त ‘रहस्यमय बीज’ पार्सल के बारे में वैश्विक शोध निकायों से जानकारी इकट्ठा करना शुरू कर दिया है।

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के महानिदेशक त्रिलोचन महापात्र ने कहा, ‘‘यह गंभीर मामला है। बीज का अर्थ है खेती। विनाशकारी रोगजनकों वाले किसी भी बीज से हमारी खाद्य सुरक्षा को खतरा हो सकता है। इसलिए हमें सतर्क रहने की जरूरत है।’’

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उन्होंने कहा कि आईसीएआर ने इस मुद्दे पर वैश्विक कृषि अनुसंधान संस्थानों के साथ बातचीत शुरू कर दी है और संदिग्ध पार्सल के बारे में जानकारी जुटाने में लगा है।

पिछले हफ्ते, केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने राज्य सरकारों के साथ-साथ बीज उद्योग और अनुसंधान निकायों को भारत में प्रवेश करने वाले अज्ञात स्रोतों से ‘रहस्यमय, संदिग्ध और अवांछित बीज पार्सल’ के बारे में सतर्क किया था जो देश की जैव विविधता के लिए खतरा हो सकता है।

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यह निर्देश पिछले कुछ महीनों में दुनिया भर में जारी किए गए हजारों संदिग्ध बीज लदान के मद्देनजर जारी किया गया था, जो खासकर अमेरिका, कनाडा, यूके, न्यूजीलैंड, जापान और कुछ यूरोपीय देशों जैसे देशों में भेजा गया था।

महापात्र ने कहा कि आईसीएआर को भी मंत्रालय से एक निर्देश प्राप्त हुआ था।

उन्होंने कहा कि ऐसा कोई बीज पैकेट मिलने के बाद उस पर शोध किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यदि ‘‘आईसीएआर को कोई बीज पार्सल भेजा जाता है तो हम उचित अध्ययन करेंगे और फिर पता लगाएंगे कि इसमें क्या क्या शामिल है और यह हमारे भारतीय कृषि के लिए कितना खतरनाक है।’’

आईसीएआर, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के तत्वावधान में पूरे देश में कृषि क्षेत्र में शोध और शिक्षा के समन्वय, मार्गदर्शन और प्रबंधन के लिए सर्वोच्च निकाय है।

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