मुंबई, 24 जुलाई महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख ने बुधवार को आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस के एक ‘बिचौलिये’ ने उन्हें मुकदमेबाजी में फंसने से बचने के लिए (तत्कालीन) महा विकास आघाडी सरकार के बड़े नेताओं के खिलाफ हलफनामा देने को कहा था।
फडणवीस ने इस आरोप का खंडन किया है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के नेता देशमुख ने अप्रैल, 2021 में गृहमंत्री के पद इस्तीफा दे दिया था क्योंकि मुंबई के तत्कालीन पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने उनपर आरोप लगाया था कि वह पुलिस को शहर के होटल एवं बार मालिकों से वसूली करने को कहते हैं।
राकांपा (एसपी) के नेता ने समाचार चैनलों से बातचीत में कहा कि (तब विपक्ष में रहे) फडणवीस द्वारा कथित रूप से भेजे गये एक व्यक्ति ने उनसे भेंट की थी और उसके पास तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, उनके बेटे और कैबिनेट मंत्री आदित्य ठाकरे, तत्कालीन वित्त मंत्री अजित पवार और तत्कालीन परिवहन मंत्री अनिल परब को फंसाने वाले कई हलफनामे थे।
पूर्व मंत्री ने दावा किया कि उस व्यक्ति ने उनसे कहा कि उन्हें खुद को भावी मुकदमेबाजी से बचाने के लिए इन हलफनामों पर दस्तखत कर देना चाहिए लेकिन उन्होंने ऐसा करने से मना कर दिया।
इन आरोपों को बेबुनियाद करार देते हुए उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा, ‘‘ अनिल देशमुख को पता होना चाहिए कि उनकी ही पार्टी के नेताओं ने तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, शरद पवार या विवादास्पद पुलिस अधिकारी सचिन वाजे के विरूद्ध उनकी टिप्पणियों वाले कई दृश्य-श्रव्य सबूतों के साथ मुझसे मुलाकात की है। यदि मुझपर झूठे आरोप लगाये जाते हैं तो मेरे पास इस सबूत को सार्वजनिक करने के सिवा कोई विकल्प नहीं होगा।’’
भाजपा नेता ने कहा कि देशमुख उस मामले में बरी नहीं हुए हैं जिसमें उनपर पुलिस अधिकारियों को 100 करोड़ रुपये जुटाने का निर्देश देने का आरोप है, वह बस जमानत पर बाहर हैं।
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