उद्योग संगठन सीआईआई की वार्षिक बैठक को संबोधित करते हुए गडकरी ने कहा कि देरी से या निर्णय न लेना देश में एक बड़ी समस्या है।
उन्होंने कहा, ‘‘बुनियादी ढांचे का विकास देश के लिए बहुत जरुरी है। कोविड-19 महामारी के दौरान भी हमने एक दिन में 38 किलोमीटर सड़क बनाने का विश्व रिकॉर्ड बनाया।’’
वर्ष 2020-21 के दौरान देश में राजमार्ग निर्माण की गति 2020-21 में रिकॉर्ड 37 किमी प्रतिदिन पर पहुंच गई थी।
उन्होंने कहा कि सरकार की मुख्य प्राथमिकता समयबद्ध, परिणाम-उन्मुख, पारदर्शी एवं भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था बनाना है।
स्पष्ट तौर पर अपने विचार रखने वाले गडकरी ने परियोजनाओं में देरी या काम में बाधा डालने के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के अधिकारियों को भी फटकार लगाई।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘यदि कोई ठेकेदार अपना बैंक या वित्तीय संस्थान बदलना चाहता है, उसे एनएचएआई से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) लेने में 3 महीने से लेकर डेढ़ साल तक का समय लगता है। मैं अधिकारियों से पूछता हूं कि जब हम इस काम को केवल दो घंटे में कर सकते हैं, तो डेढ़ साल तक इस काम को लटकाने की क्या जरुरत है।’’
उन्होंने कहा कि समस्या यह है कि नौकरशाही व्यवस्था कभी भी समय का महत्व नहीं समझती है।
जतिन
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