नयी दिल्ली, 17 अक्टूबर दक्षिण कोरियाई वाहन विनिर्माता हुंदै की भारतीय इकाई हुंदै मोटर इंडिया लिमिटेड के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) को पेशकश के तीसरे और अंतिम दिन बृहस्पतिवार तक 2.37 गुना अभिदान प्राप्त हुआ।
एनएसई के आंकड़ों के मुताबिक, करीब 27,870 करोड़ रुपये के आकार वाले आईपीओ के तहत की गई 9,97,69,810 शेयरों की पेशकश के मुकाबले 23,63,26,937 शेयरों के लिए बोलियां प्राप्त हुईं।
यह भारतीय शेयर बाजार का सबसे बड़ा आईपीओ है। इसने भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के 21,000 करोड़ रुपये के आईपीओ को पीछे छोड़ दिया है।
पात्र संस्थागत खरीदारों (क्यूआईबी) की श्रेणी को 6.97 गुना अभिदान मिला जबकि गैर-संस्थागत निवेशकों के कोटा को 60 प्रतिशत अभिदान मिला। खुदरा व्यक्तिगत निवेशकों के लिए निर्धारित कोटा को 50 प्रतिशत अभिदान प्राप्त हुआ।
हुंदै मोटर इंडिया लिमिटेड (एचएमआईएल) ने निर्गम खुलने के पहले सोमवार को बड़े (एंकर) निवेशकों से 8,315 करोड़ रुपये जुटाए।
हुंदै के आईपीओ के लिए 1,865-1,960 रुपये प्रति शेयर का मूल्य दायरा तय किया गया है।
यह आईपीओ पूरी तरह से प्रवर्तक कंपनी हुंदै मोटर कंपनी (एचएमसी) की तरफ से 14,21,94,700 इक्विटी शेयरों की बिक्री पेशकश (ओएफएस) पर आधारित है और इसमें कोई नया इक्विटी शेयर नहीं जारी किया गया है। ऐसी स्थिति में एचएमआईएल को शेयर बिक्री से कोई राशि नहीं मिलेगी।
मारुति सुजुकी की 2003 में सूचीबद्धता के बाद से यह बीते दो दशक में किसी वाहन विनिर्माता का पहला आईपीओ है। दक्षिण कोरियाई मूल कंपनी ओएफएस मार्ग के जरिये अपनी कुछ हिस्सेदारी बेच रही है।
देश की दूसरी बड़ी कार कंपनी एचएमआईएल ने उम्मीद जताई है कि इक्विटी शेयरों की सूचीबद्धता से उसकी दृश्यता और ब्रांड छवि बढ़ेगी, तथा शेयरों के लिए तरलता और सार्वजनिक बाजार उपलब्ध होगा।
मूल्य दायरे के ऊपरी स्तर पर आईपीओ का आकार 27,870 करोड़ रुपये (3.3 अरब डॉलर) आंका गया है। कंपनी का बाजार मूल्यांकन निर्गम के बाद लगभग 1.6 लाख करोड़ रुपये (लगभग 19 अरब डॉलर) होगा।
एचएमआईएल ने 1996 में भारत में परिचालन शुरू किया था और फिलहाल यह विभिन्न खंडों में वाहनों के 13 मॉडल बेचती है।
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