देश की खबरें | पुलिसकर्मियों की बहाली आपको कैसे प्रभावित करेगी, अदालत ने ख्वाजा युनूस की मां से पूछा
एनडीआरएफ/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: ANI)

मुंबई, सात जनवरी बंबई उच्च न्यायालय ने पुलिस हिरासत में मारे गए बम धमाके के संदिग्ध ख्वाजा युनूस की मां आसिया बेगम से बृहस्पतिवार को पूछा कि आरोपी पुलिसकर्मियों की बहाली से वह व्यक्तिगत रूप से कैसे प्रभावित होंगी?

बेगम ने मुंबई के पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के खिलाफ अदालत की अवमानना के लिये कार्रवाई की मांग करते हुए दावा किया था कि चार पुलिसकर्मियों की बहाली अदालत के आदेश का उल्लंघन है।

याचिका में कहा गया कि उच्च न्यायालय ने अप्रैल 2004 में महाराष्ट्र सरकार को निर्देश दिया था कि हिरासत में प्रताड़ना और साक्ष्यों को मिटाने के आरोपी चार पुलिसकर्मियों को निलंबित किया जाए।

युनूस की 2003 में कथित तौर पर हिरासत में मौत के मामले में सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वाजे और कांस्टेबल राजेंद्र तिवारी, सुनील देसाई व राजाराम निकम फिलहाल मुकदमे का सामना कर रहे हैं।

न्यायमूर्ति नितिन जामदार की अध्यक्षता वाली एक खंडपीठ ने बृहस्पतिवार को हालांकि कहा कि बहाली सेवा से जुड़ा मामला है।

सुनवाई को दो हफ्तों के लिये स्थगित करते हुए अदालत ने कहा, “याचिकाकर्ता इससे व्यक्तिगत रूप से कैसे प्रभावित होगी?”

परमबीर सिंह की अध्यक्षता वाली समीक्षा समिति ने जून 2020 में फैसला किया था कि विभागीय जांच और मुकदमे के लंबित रहने तक चारों पुलिसकर्मियों को सक्रिय सेवा में वापस लिया जाना चाहिए।

बेगम ने अपनी याचिका में दावा किया कि अब तक कोई विभागीय जांच शुरू नहीं हुई है।

उपनगरी घाटकोपर में दो दिसंबर 2002 को हुए बम धमाके के सिलसिले में युनूस (27) को 25 दिसंबर 2002 को गिरफ्तार किया गया था।

पुलिस का दावा था कि जनवरी 2003 में जब एक पुलिस वाहन में उसे औरंगाबाद ले जाया जा रहा था तो उसने भागने की कोशिश की और इस दौरान वह हादसे का शिकार हो गया।

उसके सह-आरोपी ने हालांकि आरोप लगाया कि हिरासत में उसे बुरी तरह मारा गया था जिससे संभवत: उसकी मौत हुई।

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