हॉकी खिलाड़ियों ने रीजीजू से ट्रेनिंग शुरू करने का अनुरोध किया, मंत्री ने आश्वासन दिया
जमात

नयी दिल्ली, 14 मई भारत के हॉकी खिलाड़ियों के लिये ट्रेनिंग नहीं होना निश्चित रूप से चिंता का विषय है लेकिन उन्हें घर की कमी महसूस हो रही है और यह बात उन्होंने गुरूवार को खेल मंत्री किरेन रीजीजू को ऑनलाइन बातचीत में बतायी जिन्होंने उन्हें जल्द ही ‘नियंत्रित’ अभ्यास शुरू करने का आश्वासन दिया।

रीजीजू ने दोहराया कि मैदानी ट्रेनिंग तभी शुरू होगी जब भारतीय खेल प्राधिकरण की छह सदस्यीय समिति द्वारा मानक परिचालन प्रक्रिया (एसओपी) बना दी जायेगी।

खेल मंत्री ने 34 पुरूष और 24 महिला खिलाड़ियों के साथ इस ऑनलाइन बैठक में शांति से उन्हें सुना और फीडबैक लिया।

रीजीजू ने बाद में प्रेस विज्ञप्ति में कहा, ‘‘एसओपी बनायी जा रही है और हमारे पास कोचों और हाकी खिलाड़ियों की राय भी है। हम जल्द ही अभ्यास शुरू करेंगे लेकिन नियंत्रित तरीके से। ’’

भारतीय पुरूष और महिला हॉकी टीमें कोरोना वायरस के कारण 25 मार्च से लगे लॉकडाउन के शुरू से ही बेंगलुरू के भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) केंद्र में हैं।

उन्होंने इसमें कहा, ‘‘मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि हम मैदान पर ट्रेनिंग के लिये अपने खिलाड़ियों को पूरा सहयोग देंगे लेकिन हमें सतर्क रहना होगा। हम एक भी खिलाड़ी के स्वास्थ्य का जोखिम नहीं उठा सकते क्योंकि इससे पूरी ट्रेनिंग योजना खतरे में पड़ जायेगी।

उन्होंने कहा, ‘‘हमें स्वीकार करना होगा कि कोविड-19 के बाद खेल उसी तरीके से नहीं खेले जायेंगे जैसे पहले खेले जाते थे, हमें इन बदलावों के साथ तालमेल बिठाना होगा और आगे बढ़ना होगा। ’’

भारतीय पुरूष और महिला हॉकी टीमों ने मंत्री को बताया कि अगले साल ओलंपिक की तैयारियों के तहत जल्द से जल्द छोटे छोटे समूह में मैदानी ट्रेनिंग करने से वे अन्य शीर्ष देशों पर दबदबा बना सकते हैं।

एक सूत्र ने पीटीआई से कहा, ‘‘खिलाड़ियों ने कहा कि वे घर की कमी महसूस कर रहे हैं लेकिन वे बखूबी समझते हैं कि वे यहां सुरक्षित हैं। वे बेकार के विचारों को हटाने के लिये ट्रेनिंग शुरू करना चाहते हैं। ’’

इस आनलाइन बैठक में खेल मंत्रालय और साइ अधिकारियों ने भी शिरकत की, जिसमें खिलाड़ियों और कोचों ने चार से पांच खिलाड़ियों के ग्रुप में जल्द ट्रेनिंग शुरू करने का अनुरोध किया।

भारतीय कप्तान मनप्रीत सिंह ने सुझाव दिया, ‘‘अगर हम छोटे छोटे ग्रुप में बेसिक ट्रेनिंग शुरू करते हैं और अपनी तकनीक जैसे पेनल्टी कार्नर पर काम करते हैं तो इससे टीमों को ओलंपिक की तैयारियों को शुरू करने में मदद मिलेगी। ’’

महिला टीम की कपतान रानी रामपाल ने कहा कि फिटनेस के हिसाब से वे बेहतर स्थिति में हैं लेकिन स्टैमिना बनाने के लिये और ओलंपिक पर ध्यान लगाये रखने के लिये वे मैदान पर वापसी करना चाहते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘हम घर की तुलना में यहां ज्यादा सुरक्षित हैं। मुझे लगता है कि हम स्वास्थ्य और सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करते हुए ट्रेनिंग शुरू कर सकते हैं। ’’

पुरूष टीम के पूर्व कप्तान और गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने कहा, ‘‘हमारे लिये मानसिक रूप से मजबूत रहना काफी अहम है और अगर हम ट्रेनिंग शुरू करते हैं तो इससे हमें मदद मिलेगी। ’’

सूत्रों के अनुसार इनके अलावा पुरूष और महिला हॉकी टीमों के मुख्य कोच ग्राहम रीड और शोर्ड मारिने तथा हाई परफोरमेंस निदेशक डेविड जान भी मौजूद थे।

हॉकी इंडिया और साइ के शीर्ष अधिकारी तथा नये खेल सचिव रवि मित्तल भी इस बैठक में मौजूद थे।

भारतीय हॉकी टीम प्रबंधन के एक सदस्य ने बैठक के दौरान रीजीजू से कहा, ‘‘दुनिया की शीर्ष 12 टीमों में से केवल नीदरलैंड और बेल्जियम ने ही ट्रेनिंग शुरू की है। हमने करीब दो महीने गंवा दिये हैं लेकिन अगर हम जल्द से जल्द ट्रेनिंग शुरू कर सकते हैं तो हम अच्छी स्थिति में होंगे। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमने अभी कुछ गंवाया नहीं है लेकिन अब समय ट्रेनिंग शुरू करने का है। ’’

सदस्य ने कहा, ‘‘ट्रेनिंग चार से पांच सदस्यों के समूह में शुरू हो सकती है जिसमें सामाजिक दूरी का ध्यान रखा जायेगा। ट्रेनिंग पर ध्यान बेसिक और व्यक्तिगत कौशल के अलावा पेनल्टी कार्नर ड्रिल का अभ्यास करना होगा। ’’

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, लेटेस्टली स्टाफ ने इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया है)