Himachal Pradesh Assembly: भाजपा ने अनुबंधित कर्मचारियों के मुद्दे पर सदन से बहिर्गमन किया
हिमालच प्रदेश विधानसभा में अध्यक्ष द्वारा सरकारी विभागों में अनुबंधित कर्मचारियों को कथित तौर पर हटाने को लेकर चर्चा कराने से इनकार करने के बाद मंगलवार को हंगामा हुआ और विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने नारे लगाए और सदन से बहिर्गमन कर दिया.
शिमला, 4 अप्रैल : हिमालच प्रदेश विधानसभा में अध्यक्ष द्वारा सरकारी विभागों में अनुबंधित कर्मचारियों को कथित तौर पर हटाने को लेकर चर्चा कराने से इनकार करने के बाद मंगलवार को हंगामा हुआ और विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने नारे लगाए और सदन से बहिर्गमन कर दिया. भाजपा ने दावा किया कि विभिन्न सरकारी विभागों में कई अनुबंधित कर्मचारियों को हटा दिया गया है लेकिन सरकार ने इससे इनकार किया. अधिकारियों ने कहा है कि जिन कर्मचारियों के अनुबंध की अवधि समाप्त हो गयी है, केवल उन्हें ही हटाया गया है. जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि इस मुद्दे पर चर्चा की मांग करते हुए कुछ भाजपा सदस्यों से नियम 67 (स्थगन प्रस्ताव) के तहत एक नोटिस प्राप्त हुआ है.
इस पर चर्चा कराने से इनकार करने से आक्रोशित भाजपा सदस्यों ने नारे लगाने शुरू कर दिए जिसके बाद सदन में हंगामा हो गया. जब हंगामे के बीच अध्यक्ष ने प्रश्न काल शुरू किया तो भाजपा सदस्य आसन के करीब आ गए और बाद में सदन से बहिर्गमन कर दिया. उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि अभी तक अनुबंधित कर्मचारियों को हटाने के लिए कोई निर्देश नहीं दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि सरकार रोजगार सृजन के मुद्दे पर विचार करने के लिए नियुक्त मंत्रिमंडल की उप समिति की सिफारिशों के आधार पर एक नीति निर्णय लेगी. यह भी पढ़ें : विजयवाड़ा में आंबेडकर की प्रतिमा पर 400 करोड़ रुपये खर्च होंगे : आंध्र प्रदेश के मंत्री
भाजपा पर निशाना साधते हुए अग्निहोत्री ने कहा कि पार्टी हताश है क्योंकि 25 साल तक राज्य में शासन करने की उसकी ख्वाहिश खत्म हो गयी है और उन्होंने उससे गैरजिम्मेदाराना तरीके से बर्ताव करने के बजाय आत्मावलोकन करने को कहा है. अध्यक्ष ने आसन के प्रति अपनी पीठ दिखाने के लिए विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर को आगाह किया और कहा कि यह नियम 229 का उल्लंघन है. इस नियम के तहत कोई भी सदस्य आसन की ओर अपनी पीठ दिखाकर बैठ या खड़ा नहीं हो सकता है. अध्यक्ष ने कहा कि वह सदस्य के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं और केवल उन्हें ‘‘दोबारा ऐसा न करने’’ की चेतावनी दे रहे हैं.